Maharashtra Election: धनंजय मुंडे ने चुनावी रण में इस तरह हराया अपनी बहन को
Maharashtra Election कभी नितिन गडकरी के युवा मोर्चा की टीम के सदस्य रहे धनंजय ने गोपीनाथ के गढ़ में भाजपा को हरा दिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरकर सामने आई है। जीत की इस खुशी के बीच पार्टी को बड़ा झटका भी लगा है। सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे अपने गढ़ परली से चुनाव हार गई हैं। पंकजा को उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे ने हराया है। कभी नितिन गडकरी के युवा मोर्चा की टीम के सदस्य रहे धनंजय ने गोपीनाथ के गढ़ में भाजपा को हरा दिया। गोपीनाथ अपने समय में महाराष्ट्र भाजपा के सबसे कद्दावर ओबीसी नेता थे। आइए जानते हैं उसी गोपीनाथ के भतीजे धनंजय के राजनीतिक सफर के बार में...
युवा मोर्चा से विपक्ष नेता बनने का सफर
धनंजय मुंडे ने अपने सियासी सफर की शुरुआत भाजपा युवा मोर्चा की राजनीति से शुरू किया था। इसके बाद साल 2012 में उन्होंने शरद पवार के सामने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ज्वॉइन कर ली। साल 2014 में वह महाराष्ट्र विधानपरिषद के नेता विपक्ष बने। इसके अलावा वे साल 2002 से 2007 तक भाजपा के कोटे पर जिला परिषद के सदस्य भी बने।
पंकजा मुंडे से मिल चुकी है हार
इससे पहले भी पंकजा और धनंजय आमने-सामने आ चुके हैं। साल 2014 में परली विधानसभा क्षेत्र से पंकजा ने धनंजय को भारी मतों से मात दी थी। पंकजा को 96,904 वोट मिले थे, जबकि धनंजय को 71,009 वोट मिले थे। हालांकि, पांच साल बाद धनंजय ने माहौल पलट दिया।
परली और बीड से की पढ़ाई
धनंजय ने राजनीति और पढ़ाई दोनों ही बीड में ही की है। धनंजय की शुरुआती पढ़ाई परली से हुई। वहीं, इसके आगे की पढ़ाई उन्होंने डॉ.भीमराव अंबेडकर मराठवाडा यूनिवर्सिटी से की। युवा राजनीति में सक्रिय धनंजय इस वक्त एनसीपी के बड़े नेता के तौर पर उभरे हैं।