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महाराष्ट्रः राज्यपाल से मिला शिवसेना का प्रतिनिधिमंडल, किसानों की मदद करने को कहा

Shiv Sena delegation. आदित्य ठाकरे और रामदास कदम सहित शिवसेना का प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 06:36 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 11:54 AM (IST)
महाराष्ट्रः राज्यपाल से मिला शिवसेना का प्रतिनिधिमंडल, किसानों की मदद करने को कहा
महाराष्ट्रः राज्यपाल से मिला शिवसेना का प्रतिनिधिमंडल, किसानों की मदद करने को कहा

मुंबई, एएनआइ। आदित्य ठाकरे और रामदास कदम, एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के प्रतिनिधिमंडल ने वीरवार की शाम महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। 

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महाराष्ट्र के राज्यपाल से मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने राज्यपाल से किसानों और मछुआरों को सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया, जिन्हें हाल ही में बारिश के कारण नुकसान हुआ था। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि वह खुद केंद्र से बात करेंगे।

इससे पहले शिवसेना विधायक दल का नेता चुनने के लिए दोपहर नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें शिवसेना विधायकों के अलावा उसे समर्थन की घोषणा कर चुके निर्दलीय विधायकों ने भी हिस्सा लिया। बैठक में ठाणे की पांचपाखड़ी सीट से चौथी बार विधायक चुने गए एवं पिछली सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुनने का प्रस्ताव पहली बार चुनकर विधानसभा में पहुंचे आदित्य ठाकरे ने किया। आदित्य शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के पुत्र हैं एवं चुनाव जीतकर किसी सदन में पहुंचने वाले ठाकरे परिवार के पहले सदस्य हैं। उनके द्वारा रखे गए प्रस्ताव का समर्थन पांच अन्य विधायकों ने किया और शिंदे विधायक दल के नेता चुन लिए गए। बैठक में दूसरी बार विधायक बने सुनील प्रभु को विधानसभा में शिवसेना का चीफ व्हिप भी चुना गया।

इसी बैठक को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने दो दिन पहले आए देवेंद्र फड़नवीस के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें पत्रकारों को दिए गए दीवाली भोज के दौरान यह बात नहीं कहनी चाहिए थी। उद्धव का आशय फड़नवीस के उस बयान से था जिसमें उन्होंने शिवसेना को ढाई साल के मुख्यमंत्री के लिए कोई वायदा न करने की बात कही थी। उद्धव ने कहा कि किसी को यह नहीं समझना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री पद का अमरत्व प्राप्त करके आया है। लेकिन इस बयान के तुरंत बात उद्धव ने नरम रुख अख्तियार करते हुए यह भी कहा कि वह मित्रपक्ष को मित्रपक्ष ही समझते हैं, शत्रुपक्ष नहीं। हमें मिलकर स्थिर सरकार देने का प्रयास करना चाहिए। दूसरी ओर भाजपा के प्रति सदैव कड़ा रुख रखने वाले शिवसेना सांसद एवं पार्टी मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक संजय राऊत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि शिवसेना ढाई साल के मुख्यमंत्री पद एवं 50-50 फार्मूले की मांग से पीछे नहीं हटी है।

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