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महाराष्ट्र : शिवसेना को मिला दो और निर्दलीयों का साथ, उद्धव बोले- अब अपना वादा पूरा करें अमित शाह

शिवसेना को दो और निर्दलीय विधायकों को समर्थन मिल गया है। महाराष्ट्र में सरकार गठन से पहले शिवसेना और मजबूत हो गई है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 10:02 AM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 06:13 PM (IST)
महाराष्ट्र : शिवसेना को मिला दो और निर्दलीयों का साथ, उद्धव बोले- अब अपना वादा पूरा करें अमित शाह
महाराष्ट्र : शिवसेना को मिला दो और निर्दलीयों का साथ, उद्धव बोले- अब अपना वादा पूरा करें अमित शाह

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में सरकार गठन से पहले शिवसेना को 2 और निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल गया है। प्रहारा जनशक्ति पार्टी के दो विधायक शिवसेना में शामिल हो गए। अचलपुर विधानसभा क्षेत्र के बच्चू कडू और मेलघाट विधानसभा क्षेत्र के राजकुमार पटेल ने बीती रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया।

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शिवसेना का दो निर्दलीयों के समर्थन का दावा

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक नागपुर के रामटेक से निर्दलीय विधायक आशीष जायसवाल और भंडारा से निर्वाचित नरेंद्र भोंडेकर ने शनिवार को उद्धव ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात की। मुलाकात के बाद शिवसेना ने दावा कि दोनों ने पार्टी को समर्थन देने का प्रस्ताव किया है।

शिवसेना का सख्त रुख

महाराष्ट्र में सरकार के गठन से पहले शिवसेना ने अपने तेवर और सख्त कर लिए हैं। पार्टी ने ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद और बराबरी के मंत्रलय के वादे पर भाजपा से लिखित आश्वासन मांगा है। इस पर सहमति न बनने की स्थिति में उद्धव ठाकरे ने दूसरे विकल्प खुले होने के संकेत भी दे दिए हैं। 

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ पर पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की शनिवार को बैठक हुई। करीब घंटे भर चली बैठक के बाद ठाणो से चुनकर आए विधायक प्रताप सरनाईक ने मीडिया से कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एवं मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ उद्धव ठाकरे की बातचीत में 50-50 के फार्मूले पर फैसला हुआ था। ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद उसी फार्मूलेका हिस्सा था। अब जब भाजपा इस पर लिखित आश्वासन देगी तभी सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा।

सरनाईक के मुताबिक बैठक में आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी उठी। अपने विधायकों की बात से सहमति जताते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि यदि भाजपा हमारी बात नहीं मानती, तो हमारे पास दूसरे विकल्प भी खुले हैं। संभवत: दूसरे विकल्पों से उद्धव ठाकरे का आशय कांग्रेस-राकांपा के साथ सरकार बनाने का है।


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