मतदान के दिन दिग्विजय सिंह को याद आया EVM, चुनाव आयोग को दिया ये सुझाव
Maharashtra and Haryana Assembly Election 2019 मतदान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग को इवीएम को लेकर सलाह दी है।
नई दिल्ली, एएनआइ।Maharashtra and Haryana Assembly Election 2019, विधानसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र और हरियाणा में मतदान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग को इवीएम और बैलट बॉक्स के संयोजन की प्रणाली से मतदान कराने का सुझाव दिया है और सभी राजनीतिक दलों से इस विकल्प पर विचार करने का आग्रह किया है।
एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए, उन्होंने ट्वीट कर कहा, ' हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव 2019: यहां बताया गया है कि कैसे एक प्रमुख तकनीकी गड़बड़ी के कारण ईवीएम-वीवीपीएटी में हेरफेर किया जा सकता है। इसी को इसके बारे में पता है, लेकिन आयोग इसपर चुप्पी साधे हुए है। सिंह ने कहा कि अगर सीइसी अभी भी वोटिंग के लिए इवीएम पर जोर देता है, तो उससे एक अनुरोध है। इवीएम पर बटन दबाने के बाद मतदाता को 7 सेकंड के लिए स्क्रीन पर तस्वीर दिखता है। मतदाता को यह पर्ची हाथ में मिलनी चाहिए, जिसे वह एक मतपेटी में डाले।'
उम्मीदवार या राजनीतिक दल शिकायत नहीं कर सकते
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि आयोग उनकी बात को नहीं मानेगा। उन्होंने कहा, ' अब सीइसी द्वारा यह तर्क सामने रखा जाएगा कि मतगणना में काफी समय लगेगा। दिग्विजय आगे कहते हैं,' यदि मतदाता पर्ची मतपेटी में डाल देता है तो वह या उम्मीदवार या राजनीतिक दल शिकायत नहीं कर सकते और इसमें समय भी ज्यादा नहीं लगेगा।यह इवीएम और बैलट बॉक्स के संयोजन का एक विश्वसनीय सिस्टम होगा।'
राजनीतिक दलों से विचार करने को किया आग्रह
दिग्विजय ने इवीएम की जगह बैलट बॉक्स इस्तेमाल करने की पक्षधर राजनीतिक दलों को इस सुझाव पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, यदि मतपेटी में मतों की संख्या मतगणना इकाई में संख्या से मेल नहीं खाती है, तो उस निर्वाचन क्षेत्र के सभी मतदान केंद्र के मतों की गिनती मतपेटियों के माध्यम से की जानी चाहिए और उसके बाद ही परिणाम घोषित किया जाना चाहिए।
पहले भी इवीएम पर उठाए सवाल
बता दें कि यह पहला ऐसा अवसर नहीं है जब दिग्विजय ने इवीएम पर सवाल उठाया हो। इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने इवीएम और चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा था। वे इस दौरान कांग्रेस की ओर से चुनाव भी लड़े थे और हार गए। हालांकि, उन्होंने इस दौरान मतदान नहीं किया था, जिसके चलते उनकी काफी आलोचना हुई थी।