Maharashtra Assembly polls 2019: महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना सहित छह दलों का महागठबंधन घोषित
मुख्यमंत्री फड़नवीस शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अन्य मित्र दलों ने महागठबंधन करके विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय किया है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना सहित चार अन्य सहयोगी दलों के महागठबंधन की घोषणा हो गई है, लेकिन कौन कितनी सीटों पर, या कहां-कहां से लड़ेगा, इसका कोई खुलासा अभी नहीं हुआ है।
सोमवार को देर शाम महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल एवं शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई के हस्ताक्षर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पिछले पांच वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के मार्गदर्शन में महाराष्ट्र नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है।
अब मुख्यमंत्री फड़नवीस, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, अन्य मित्र दलों की ओर से केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, महादेव जानकर, विनायक मेटे एवं सदाभाऊ खोत ने पुनः महागठबंधन करके विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। इसके अनुसार इन छह दलों के महागठबंधन की घोषणा की जा रही है।
बयान में यह भी कहा गया है कि इस महागठबंधन में कौन, कितनी जगह से चुनाव लड़ेगा, इसका खुलासा जल्द ही किया जाएगा। विश्वास है कि इस महागठबंधन को महाराष्ट्र में जनता का अभूतपूर्व आशीर्वाद प्राप्त होगा।
शिवसेना ने छोड़ी जिद
पिछले कई दिनों से कयास लगाए जा रह थे कि पितृपक्ष बीतने के बाद नवरात्रि शुरू होते ही शिवसेना-भाजपा गठबंधन की घोषणा हो जाएगी। यह भी कहा जा रहा है कि सेना-भाजपा गठबंधन की पुरानी शर्तों के विपरीत इस बार शिवसेना बड़े भाई की भूमिका में रहने की अपनी जिद छोड़ चुकी है। अब वह भाजपा से कम सीटों पर चुनाव लड़ने को राजी है। ऐसी स्थिति में भाजपा के 146 एवं शिवसेना के 126 सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। शेष 16 सीटें सहयोगी दलों को दिए जाने की संभावना है।
इन कयासों में कितनी सच्चाई है, इसका अभी कुछ पता नहीं है। जबकि शिवसेना ने तो गठबंधन की घोषणा से पहले ही अपने उम्मीदवारों को उम्मीदवारी भरने के लिए जरूरी एबी फॉर्म भी बांटने शुरू कर दिए हैं, लेकिन आज महागठबंधन की घोषणा होने तक भी सीटों पर कोई फैसला न हो पाना आश्चर्य का विषय बना हुआ है।
कांग्रेस, राकांपा और वीबीए छोड़ भाजपा में शामिल
अन्य दलों के नेताओं का भाजपा में भर्ती अभियान सोमवार को भी जोर-शोर से जारी रहा है। इनमें कांग्रेस, राकांपा और वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता शामिल रहे।
सबसे बड़ा झटका राकांपा को उसकी बीड जिले से उसकी घोषित उम्मीदवार नमिता मूंदड़ा ने दिया। वह सोमवार को ग्राम विकास मंत्री पंकजा मुंडे की उपस्थिति में बीड में भाजपा में शामिल हो गईं। शरद पवार ने कांग्रेस के साथ अपना गठबंधन घोषित होने से पहले ही बीड जनपद के पांच उम्मीदवार घोषित कर दिए थे। नमिता उन्हीं में से एक थीं।
नमिता मूंदड़ा ने सोमवार को भाजपा का दामन थाम लिया। वह भाजपा नेत्री रहीं विमल मूंदड़ा की बहू हैं। पिछला विधानसभा चुनाव उन्होने राकांपा के ही टिकट पर केज विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था, लेकिन भाजपा उम्मीदवार संगीत ठोंबरे से हार गई थीं। फिलहाल ठोंबरे कुछ मुकदमों का सामान कर रही हैं। उन्हें इस बार टिकट मिलने की उम्मीद न के बराबर है। इसलिए मूंदड़ा उज्ज्वल भविष्य की तलाश में राकांपा छोड़ भाजपा में आ गईं।
इसी प्रकार मुंबई में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता गोपीचंद पाडलकर भी भाजपा में शामिल हो गए। हाल के लोकसभा चुनाव में वह वीबीए के टिकट पर शरद पवार के गढ़ बारामती से लोकसभा का चुनाव लड़े थे और करीब चार लाख वोट खींचने में कामयाब रहे थे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि पाडलकर चीते की तरह तेजतर्रार हैं। मैं चाहता हूं कि वह बारामती से चुनाव लड़ें। यदि वह तैयार होंगे, तो मैं पार्टी के नेताओं से बात करूंगा। बता दें कि धनगर समुदाय के इस तेजतर्रार नेता को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के विरुद्ध खड़ाकर फड़नवीस पवार परिवार की मुसीबतें बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
इसके अलावा शिरपुर (धुले) के कांग्रेस विधायक काशीराम पावरा एवं शिरपुर के कांग्रेस अध्यक्ष प्रभाकर चव्हाण भी आज मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ही भाजपा में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह शिरपुर के ही एक और दिग्गज नेता अमरीश पटेल के भी भाजपा में आने का इंतजार कर रहे थे। वह भी जल्दी ही भाजपा में शामिल होंगे।