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Kamal nath Cabinet : कमलनाथ मंत्रिमंडल में दिखेगा SC-ST मंत्रियों का दबदबा

Kamal nath Cabinet : शिवराज मंत्रिमंडल में ओबीसी का वर्चस्व रहा जबकि इस बार कांग्रेस में अजा-जजा के 47 विधायक चुने गए।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 10:56 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 01:56 AM (IST)
Kamal nath Cabinet : कमलनाथ मंत्रिमंडल में दिखेगा SC-ST मंत्रियों का दबदबा
Kamal nath Cabinet : कमलनाथ मंत्रिमंडल में दिखेगा SC-ST मंत्रियों का दबदबा

भोपाल। मप्र में 15 साल बाद कांग्रेस को सत्ता में लौटाने में अहम भूमिका निभाने वाले अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विधायकों का कमलनाथ मंत्रिमंडल में दबदबा दिखाई देगा। राजपूत और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मंत्रियों का कद भी लगभग अजा-जजा मंत्रियों के बराबर ही होगा। जबकि शिवराज मंत्रिमंडल में ओबीसी फैक्टर हावी था और इस वर्ग के लगभग एक दर्जन मंत्री कैबिनेट में थे।

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कमलनाथ मंत्रिमंडल को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं जोरों पर हैं। क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के मद्देनजर नवनिर्वाचित विधायकों ने अपने-अपने स्तर पर प्रयास तेज कर दिए हैं। निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस विधायक दल से अलग रखते हुए मंत्रिमंडल में स्थान दिए जाने के संकेत हैं और उन्हें न किसी क्षेत्रीय संतुलन में जोड़ा जाएगा और न ही जातीय समीकरण के हिसाब से मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाएगा। बुरहानपुर के ठा. सुरेंद्र सिंह शेरा भैया और वारासिवनी के प्रदीप जायसवाल गुड्डा को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की पूरी संभावना है।

41 फीसदी एससी-एसटी एमएलए

कांग्रेस विधायक दल में 30 अनुसूचित जनजाति और 17 अनुसूचित जाति वर्ग के विधायक चुनकर आए हैं। यह संख्या करीब 41 फीसदी है और इस संख्या बल का मंत्रिमंडल में भी प्रभाव दिखाई देने की संभावना दिखी है। इस बार मालवा-निमाड़ ने कांग्रेस को मजबूत किया है। यहां से कांग्रेस के 35 विधायक चुनकर पहुंचे, जबकि 2013 में यह संख्या मात्र नौ थी।

मालवा से प्रतिनिधित्व बढ़ेगा

अनुसूचित जनजाति के मालवा-निमाड़ क्षेत्र से बाला बच्चन, उमंग सिंघार, झूमा सोलंकी, सुरेंद्र सिंह हनी को लिए जाने की संभावना है तो इस अंचल के अनुसूचित जाति के नवनिर्वाचित विधायक सज्जन सिंह वर्मा, तुलसीराम सिलावट, विजयलक्ष्मी साधौ को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के आसार हैं।

वहीं, एससी की इमरती देवी ग्वालियर-चंबल से एकमात्र प्रतिनिधि होंगी तो मध्य क्षेत्र से इस वर्ग के डॉ. प्रभुराम चौधरी और महाकोशल से लखन घनघोरिया, सोहन वाल्मिकी व एनपी प्रजापति को मंत्रिमंडल में लेने की संभावनाएं है। इसी तरह अनुसूचित जनजाति के विधायकों में से महाकोशल के बिसाहूलाल सिंह, ओमकार सिंह मरकाम और योगेंद्र सिंह बाबा को मंत्री पद दिया जा सकता है।

ओबीसी-राजपूत भी कम नहीं होंगे

कमलनाथ मंत्रिमंडल में एससी-एसटी जैसी संख्या में ही ओबीसी और राजपूत वर्ग के विधायकों को लिया सकता है। ओबीसी में मालवा-निमाड़ से हुकुम सिंह कराड़ा, जीतू पटवारी, सचिन यादव तो महाकोशल से हिना कांवरे और विंध्य से कमलेश्वर पटेल को मंत्रिमंडल में लिए जाने की चर्चा है।

राजपूत विधायकों में से चंबल-ग्वालियर संभाग के डॉ. गोविंद सिंह व केपी सिंह तो बुंदेलखंड के बृजेंद्र सिंह राठौर व गोविंद सिंह राजपूत, विंध्य से कुंवर विक्रम सिंह नातीराजा और मध्य क्षेत्र से लक्ष्मण सिंह मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।

पहली सूची में आ सकते हैं दीपक, अकील, डंग

ब्राह्मण विधायकों में से केवल तीन ऐसे नेता हैं, जिनके अभी कमलनाथ मंत्रिमंडल में आने की चर्चा है। इनमें महाकोशल से तरुण भनौत और संजय शर्मा, मध्य क्षेत्र से पीसी शर्मा के नाम लिए जा रहे हैं। वहीं, महाकोशल से कमलनाथ अपने समर्थक दीपक सक्सेना तो मुस्लिम समाज के आरिफ अकील व सिख समाज के हरदीप डंग को पहली बार में मंत्रिमंडल में ले सकते हैं।


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