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विवाद सुलझाने के लिए सुबह साढ़े पांच बजे तक चली कांग्रेस विशेष समिति की बैठक

दीपक बाबरिया ने दिल्ली में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि शनिवार या रविवार को पार्टी के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होगी।

By Saurabh MishraEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 09:40 AM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 09:40 AM (IST)
विवाद सुलझाने के लिए सुबह साढ़े पांच बजे तक चली कांग्रेस विशेष समिति की बैठक
विवाद सुलझाने के लिए सुबह साढ़े पांच बजे तक चली कांग्रेस विशेष समिति की बैठक

भोपाल। विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच उभरे विवाद को सुलझाने बनाई गई विशेष समिति ने दिल्ली में शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे तक बैठक की। इसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति ने सुबह करीब ढाई घंटे और शाम पांच बजे से मैराथन बैठकें कीं।

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इस बीच दिग्विजय सिंह और सिंधिया सहित प्रदेश के अन्य नेताओं में जिन 50 सीटों पर मतभेद थे, उन पर चर्चा व फैसले की कोशिश की गई। वहीं, केंद्रीय चुनाव समिति की दिनभर चली मैराथन मीटिंग के बाद देर रात एआईसीसी महासचिव व मप्र प्रभारी दीपक बाबरिया ने दिल्ली में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि शनिवार या रविवार को पार्टी के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होगी। जबकि मौजूदा विधायकों और कुछ अविवादित सीटों पर प्रत्याशियों को फोन कर सूचना दे दी गई।

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के दिग्गज नेता गुरुवार को इंदौर, उज्जैन, नरसिंहपुर, छतरपुर, कटनी, छिंदवाड़ा सहित कुछ जिलों की विधानसभा सीटों पर एक राय नहीं हो सके थे। इसके चलते दिग्विजय सिंह और सिंधिया के बीच गरम-गरमा बहस हो गई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में बनी इस स्थिति के कारण हाईकमान ने अहमद पटेल, वीरप्पा मोइली और अशोक गेहलोत की विशेष जांच समिति बनाई गई थी। इसके बाद सिंह और सिंधिया के बीच कांग्रेस नेताओं ने बातचीत कराई और मामला शांत किया था।

सूत्र बताते हैं कि दिग्विजय और सिंधिया के ट्वीट कर सफाई देने के बाद विशेष जांच समिति की रात को ही बैठक शुरू हुई। विशेष जांच समिति ने स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष मधुसूदन मिाी व उनके दोनों सदस्यों अजय कुमार लल्लू व नेटा डिसा और एआईसीसी महासचिव व प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के साथ बैठक की। बैठक सुबह साढ़े पांच बजे तक चली। इसमें कमलनाथ-दिग्विजय-सिंधिया सहित प्रदेश के अन्य नेताओं के बीच जिन 50 सीटों को लेकर अहम की लड़ाई थी, उन पर चर्चा हुई। एक-एक सीट पर विशेष जांच समिति ने नेताओं से बात की और सुबह साढ़े पांच बजे के बाद हाईकमान को पूरी स्थिति बताई।

भाजपा की सूची के बाद मंथन

सूत्रों ने बताया कि जांच समिति की बैठक के बाद सुबह 11 बजे फिर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक शुरू हुई जो भोजनावकाश तक चली। उस समय भाजपा की 177 प्रत्याशियों की सूची घोषित हो जाने के कारण फिर मंथन शुरू हुआ। इसमें भाजपा द्वारा घोषित सीटों पर उनके असंतुष्ट नेताओं के नामों पर चर्चा की गई। इनमें भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, मंदसौर, रीवा, सीहोर, सिवनी, रायसेन, राजगढ़, देवास, खंडवा, खरगोन, झाबुआ, धार जिलों की कई सीटें शामिल हैं।

फोन कर सूचना दी

सूत्रों का कहना है कि सूची जारी होने विधानसभा सीटों पर कई प्रत्याशियों को हाईकमान की ओर से सीधे फोन किए गए हैं। मौजूदा विधायकों में जिन्हें टिकट देने का फैसला हो गया है उन्हें फोन करके नामांकन पत्र दाखिल करने को कहा है। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक बैतूल सीट से पीसीसी के पूर्व कोषाध्यक्ष व पूर्व विधायक विनोद डागा के पुत्र निलय, मुलताई सीट से पूर्व विधायक सुखदेव पांसे, छतरपुर की बिजावर सीट से आलोक चतुर्वेदी और उज्जैन की तराना सीट से महेश परमार सहित कई अन्य लोगों को हाईकमान से फोन पर नामांकन पत्र दाखिल करने की सूचना दी गई है।


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