मप्र : अमित शाह के दौरे के सालभर बाद भी पूरे नहीं हुए टारगेट
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल प्रवास को एक साल पूरा हो रहा है, लेकिन हालात ये हैं कि पार्टी नेताओं को उन्होंने जो लक्ष्य (टारगेट) दिए थे, उनमें से कई कार्य अधूरे हैं।
नईदुनिया (भोपाल)। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल प्रवास को एक साल पूरा हो रहा है, लेकिन हालात ये हैं कि पार्टी नेताओं को उन्होंने जो लक्ष्य (टारगेट) दिए थे, उनमें से कई कार्य अधूरे हैं। पार्टी हाईकमान ने इसकी मानीटरिंग भी कराई। जिसके बाद कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय और संवाद स्थापित करने के लिए अलग-अलग टीम भी बनाई गईं। इसी तरह मंत्रियों को जिले का दौरा करने के दौरान कार्यकर्ताओं से मेल-मुलाकात करने के जो निर्देश शाह ने दिए थे, उसका भी पालन नहीं किया गया।
शाह के दौरे के वक्त मंत्रियों और विधायकों के लिए पार्टी ने व्यापक कार्यक्रम तैयार किया था। तय किया गया था कि हर पंचायत तक कार्यक्रम होगा। प्रभारी मंत्रियों से कहा गया था कि वे अपने प्रभार के जिले के हर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों के बीच रात्रि विश्रम करेंगे। पंचायत में पन्ना प्रभारी, बूथ प्रभारी के साथ हर मतदाता से प्रत्यक्ष संपर्क भी किया जाएगा। कार्यकर्ताओं के साथ अलग से बैठक के निर्देश भी दिए गए थे। हर विधानसभा क्षेत्र में 30 से ज्यादा पंचायतें हैं। इसी तरह प्रभारी मंत्रियों को भी प्रभार के जिले में कम से कम आठ दिन देना था। गांव में भ्रमण के दौरान ही अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बीच भी विधायक और मंत्रियों को भोजन कार्यक्रम आयोजित करने के लिए भी कहा गया था। जब सारे टारगेट अधूरे मिले तो राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने 23 टीम बनाई थीं, जिन्हें सभी जिलों का दौरा कर कार्यकर्ताओं से समन्वय स्थापित करने के साथ बैठकें लेना था। वे दोबारा आए तो भी जिलों में बैठकें नहीं हो पाईं।
कई काम हुए हैं: दीपक विजयवर्गीय
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय कहते हैं कि पिछले साल हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे के बाद से संगठन और सरकार के स्तर पर बहुत से काम हुए हैं। मंत्रियों ने कार्यकर्ताओं के साथ संवाद बढ़ाया है। मोर्चा-प्रकोष्ठ और विभागों ने भी सभी स्तर पर अपना काम बढ़ाया है और लक्ष्य हासिल किया है।