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MP Election 2018 : कुछ में दिखा उत्साह तो कुछ प्रत्याशी रहे चिंतित

MP Election 2018 : उज्जैन जिले में 76 प्रतिशत से अधिक मतदान के बाद अब सभी में परिणामों को लेकर उत्सुक्ता है।

By Prashant PandeyEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 02:04 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 02:08 PM (IST)
MP Election 2018 : कुछ में दिखा उत्साह तो कुछ प्रत्याशी रहे चिंतित
MP Election 2018 : कुछ में दिखा उत्साह तो कुछ प्रत्याशी रहे चिंतित

उज्जैन, सूर्य नारायण मिश्रा। मप्र के उज्जैन जिले में 76 प्रतिशत से अधिक मतदान के बाद अब सभी में परिणामों को लेकर उत्सुक्ता है। कांग्रेस-भाजपा दोनों जीत के दावे कर रहे हैं। गुरुवार को बूथवार पोलिंग प्रतिशत के आंकड़े सामने आने के बाद कुछ प्रत्याशियों में उत्साह दिखा तो कुछ चिंतित दिखाई दिए। अब सभी को 11 दिसंबर के दिन परिणाम आने का इंतजार है। जिले की सात विधानसभा सीटों पर इस बार कांटे का मुकाबला है। उज्जैन शहर की उत्तर, दक्षिण और महिदपुर सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष है। उत्तर में मंत्री पारस जैन को कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र भारती और निर्दलीय प्रत्याशी माया त्रिवेदी से कड़ी टक्कर मिली है। उत्तर के कुछ खास इलाकों में इस बार जबरदस्त मतदान हुआ है।

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हालांकि कुल मतदान की बात करें तो उत्तर पिछड़ा है। ऐसे में अब कई तरह की संभावनाएं जताई जा रही हैं। दक्षिण सीट पर भी अंतिम दिनों में समीकरण बदले। यहां भाजपा के वर्तमान विधायक मोहन यादव का मुकाबला कांग्रेस के राजेंद्र वशिष्ठ और निर्दलीय जयसिंह दरबार से है।

मतदान के पहले के पांच दिनों में माहौल में परिवर्तन देखा गया। यहां 67 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई। कुछ इलाकों में वोटिंग बढ़ने से कांग्रेस उत्साहित नजर आ रही है। वहीं भाजपा भी जीत का दावा कर रही है। महिदपुर में भी भाजपा के बहादुरसिंह चौहान और कांग्रेस के सरदारसिंह सौंधिया वोटों के जरिए नैया पार लगाने की कोशिश में हैं। वहीं निर्दलीय दिनेश जैन दोनों को टक्कर दे रहे हैं। यहां 80 फीसदी मतदान के बाद सारे विश्लेषण फेल हो गए हैं।

यहां अब भी खामोशी

उज्जैन जिले की खाचरौद-नागदा, घटि्टया, तराना और बड़नगर में अब भी खामोशी है। इन सीटों पर 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है। मतदान से पहले यहां अलग-अलग सियासी समीकरण थे। सभी दल इस बढ़त को अपने-अपने हिसाब से आकलित कर रहे हैं। अब हर सीट पर धुकधुकी बनी हुई है। जातीय समीकरण, एंटी इंकम्बेंसी, प्रत्याशियों की व्यक्तिगत छवि आदि बिंदुओं पर परिणाम के कयास तो लगाए जा रहे हैं, मगर ये कितने सही हैं यह 11 दिसंबर को ही पता लगेगा।  


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