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दिग्गजों की रस्साकशी थमने से कांग्रेस को मिली राहत, नेताओं को मिली ये नसीहत

हाईकमान ने प्रदेश के तीनों बड़े कांग्रेसी नेताओं को ये नसीहत दी है।

By Saurabh MishraEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 02:13 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 02:13 PM (IST)
दिग्गजों की रस्साकशी थमने से कांग्रेस को मिली राहत, नेताओं को मिली ये नसीहत
दिग्गजों की रस्साकशी थमने से कांग्रेस को मिली राहत, नेताओं को मिली ये नसीहत

नई दिल्ली/भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी बाजी पलटने की कोशिश के तहत सभी मुमकिन सियासी दांव आजमा रही कांग्रेस सूबे के पार्टी दिग्गजों के बीच टिकट बंटवारे पर थमी तलवारों के बाद राहत की सांस ले रही है। टिकट बंटवारे में सूबे के तीनों पार्टी दिग्गजों के बीच सियासी संतुलन बनाने के बाद हाईकमान उम्मीद कर रहा कि अब चुनाव अभियान में मध्यप्रदेश कांग्रेस एकजुटता का मुखर संदेश देगी।

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हाईकमान की ओर से सूबे के तीनों पार्टी दिग्गजों कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया को दो टूक संदेश भी दे दिया गया है कि चुनाव के बीच अंदरुनी बिखराव बाहरी या भीतरी तौर पर दिखाई नहीं देनी चाहिए। पार्टी सूत्रों ने बताया कि टिकट बंटवारे में जीत की पहली प्राथमिकता के साथ दिग्गजों के बीच संतुलन बनाने के लिए राहुल गांधी को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसीलिए राहुल ने तीनों नेताओं से निजी अहम को दरकिनार कर कांग्रेस की जीत के लिए सार्वजनिक तौर पर एकजुटता का प्रबल संदेश चुनाव अभियान में देने की सलाह दी है।

सूत्रों के अनुसार दीपावाली बाद राहुल गांधी की मप्र में चुनावी रैलियों का सिलसिला तेज होगा। राहुल की इन रैलियों के दौरान भी दिग्गजों के बीच अब कोई खटपट नहीं होने का संदेश पार्टी देगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश चुनाव के अंदरुनी आकलनों के साथ स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा कराए जा रहे अपने सर्वे के आधार पर सत्ता विरोधी लहर के सहारे कांग्रेस सूबे में जीत की उम्मीदें बांधने लगी है।

प्रदेश के युवा, किसान गुस्से में

जैसा कि कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा भी कि मध्यप्रदेश की आम जनता, युवा और किसान बेहद गुस्से में है और बदलाव का मन बना चुके हैं। पार्टी में एका होने का दावा करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस पूरी ताकत से एकजुट होकर न केवल चुनाव लड़ रही है, बल्कि इसमें भाजपा को शिकस्त भी देगी। हालांकि इस बढ़ी हुई उम्मीद के बावजूद पार्टी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा की संगठनात्मक क्षमता को नजरअंदाज नहीं कर रही है।

टिकट बंटवारे पर तुरंत बनाई समिति

दिग्विजय और ज्योतिरादित्य के बीच टकराव सामने आया तो राहुल ने तत्काल समिति बनाकर समाधान निकाला। शायद यही वजह रही है कि तीन किस्तों में अभी तक 184 उम्मीदवारों की आयी सूची को लेकर इन दिग्गजों में कोई उठापटक नहीं है। तीनों नेताओं के निकट के लोगों को उम्मीदवारों की सूची में समायोजित करने की पूरी कोशिश की गई है।

पार्टी के गलियारों में उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी असंतोष की चर्चा नहीं है और बाकी बची सीटों के उम्मीदवारों की सूची भी फाइनल हो गई है, जिनका ऐलान दिवाली तक होने की संभावना है।


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