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शिवराज सिंह के बयान से एससी-एसटी खफा, एट्रोसिटी एक्ट बनेगा चुनावी मुद्दा

एससी-एसटी वर्ग से जुड़े संगठन रविवार को भोपाल में आयोजित सम्मेलन में अपनी रणनीति का पर्दाफाश करेंगे।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 08:19 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 09:12 AM (IST)
शिवराज सिंह के बयान से एससी-एसटी खफा, एट्रोसिटी एक्ट बनेगा चुनावी मुद्दा
शिवराज सिंह के बयान से एससी-एसटी खफा, एट्रोसिटी एक्ट बनेगा चुनावी मुद्दा

नई दुनिया, भोपाल। एट्रोसिटी एक्ट का मुद्दा भाजपा के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है। मध्य प्रदेश में जोर पकड़ते सामान्य वर्ग के आंदोलन को ठंडा करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि प्रदेश में बिना जांच किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी। सीएम के इस बयान से एससी-एसटी वर्ग नाराज हो गया है। भाजपा को एक साथ दोनों वर्ग को साधने में भारी दिक्कत हो रही है। लगातार गर्म हो रहा यह मुद्दा विधानसभा चुनाव को भी प्रभावित करेगा। एससी-एसटी वर्ग से जुड़े संगठन रविवार को भोपाल में आयोजित सम्मेलन में अपनी रणनीति का पर्दाफाश करेंगे।

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उज्जैन में करणी सेना के तीन लाख लोगों के जमावड़े से भाजपा-कांग्रेस नेताओं के कान खड़े हो गए हैं। गांव-गांव तक फैल रहे इस आंदोलन को थामने के लिए ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि बिना जांच किसी की भी गिरफ्तारी नहीं होगी। कानून का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। सामान्य वर्ग को राहत देने वाला यह बयान भले ही राजनीतिक हो, लेकिन इसने एससी-एसटी वर्ग को फिर नाराज कर दिया है। इस वर्ग से जुड़े संगठनों का कहना है कि जिस कानून को संसद ने बनाया, उसे कैसे तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है। एससी-एसटी वर्ग से जुड़े संगठन अजाक्स के महामंत्री डॉ. एसएल सूर्यवंशी का कहना है कि 86 संगठन इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब संसद ने कानून यथावत कर दिया तो फिर राज्य उसमें कैसे बदलाव कर सकता है।

सूर्यवंशी के मुताबिक गिरफ्तारी के विषय में एक्ट में ही लिखा है कि 'यदि' पुलिस जरूरी समझे तो गिरफ्तारी करे। उन्होंने कहा कि हम तो 'यदि' को हटाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इधर पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय वाते का कहना है कि एक्ट की नई धारा 18 ए के तहत पुलिस को तत्काल बिना किसी जांच या तस्दीक के एफआइआर दर्ज करनी होगी। एफआइआर के बाद पुलिस के लिए जरूरी होगा कि वह आरोपित को गिरफ्तार करे अन्यथा इस एससी-एसटी एक्ट के तहत उस पर भी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। सीएम का ताजा बयान पूरी तरह राजनीतिक है। हम अपनी मांग पर अडिग हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की मंशा के मुताबिक कानून में संशोधन करे।

एट्रोसिटी एक्ट के क्रियान्वयन को लेकर गाइडलाइन जारी करने की तैयारी में सरकार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एट्रोसिटी एक्ट का मध्य प्रदेश में दुरुपयोग नहीं होने देने और गिरफ्तारी से पहले जांच संबंधी बयान से घमासान मच गया है। इसी बीच कानून के क्रियान्वयन को लेकर सरकार गाइडलाइन जारी करने की तैयारी में जुट गई है। गृह और विधि विभाग इस दिशा में काम कर रहे हैं।


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