MP Election 2018: पत्नियां चुनावी मैदान में, पति संभाल रहे मैनेजमेंट
पिछले दो विधानसभा चुनाव यहां बेहद कशमकश भरे रहे थे। दोनों नेताओं के बीच खींचतान और एक वोट से हार-जीत तक की स्थिति भी बनी।
धार, नईदुनिया प्रतिनिधि। धार विधानसभा जिले की सातों विधानसभाओं में एकमात्र ऐसी सीट है, जहां दो बड़े नेता आमने-सामने हैं, लेकि न उन्होंने चुनावी रण में पत्नियों को उतार रखा है। पार्टियों से भी दोनों नेताओं की पत्नियों को टिकट मिला है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों के प्रमुख नेता अपनी-अपनी पत्नियों के लिए चुनावी मैनेजमेंट में जुटे हैं। क्षेत्र, मुद्दे, जातिगत समीकरणों के आधार पर समाज के बड़े नेताओं को साधने की रणनीति से लेकर किस इलाके में किसका प्रभाव है और उस तक कैसे पहुंच बनाई जाए जैसे तरीके दोनों ही दलों की मैनेजमेंट टीम के एजेंडे में हैं।
भाजपा ने वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा को तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है तो कांग्रेस ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद गौतम को तीसरी बार मैदान में उतारने के बजाय उनकी पत्नी प्रभादेवी गौतम को प्रत्याशी बनाया है।
पिछले दो विधानसभा चुनाव यहां बेहद कशमकश भरे रहे थे। दोनों नेताओं के बीच खींचतान और एक वोट से हार-जीत तक की स्थिति भी बनी। इस बार वर्मा तीसरी बार जीत के लिए ताकत लगा रहे हैं तो गौतम पिछली बार की हार को जीत में बदलने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।
प्रबंधन के लिए अनुभव
इधर, भाजपा प्रत्याशी नीना वर्मा के लिए पूर्व कें द्रीय मंत्री विक्रम वर्मा चुनावी प्रबंधन देख रहे हैं। हालांकि वे खुद चुनाव प्रभारी नहीं हैं बल्कि उनके अनुभव के आधार पर सारी व्यवस्थाओं पर निगरानी रख रहे हैं। कार्यकर्ता और मैदानी नेताओं को निर्देश देते रहते हैं। दरअसल, वे खुद भी धार विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। ऐसे में वे अपने चुनाव के अनुभव के साथ-साथ पिछले दो चुनाव में नीना वर्मा को जीत दिलाने में भी सफल रहे हैं।