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MP Election 2018 : सफल रहे मतदान जागरुकता अभियान

MP Election 2018 : दिव्यांगों ने ली ब्रेललिपि की गाइड की मदद तो सुल्तान ने पहले वोट डाला, फिर शादी की वहीं गुजरात और राजस्थान से हजारों मजदूरों ने मप्र आकर डाला वोट।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 10:32 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 10:32 PM (IST)
MP Election 2018 : सफल रहे मतदान जागरुकता अभियान
MP Election 2018 : सफल रहे मतदान जागरुकता अभियान

भोपाल। विधानसभा चुनाव में मतदान को लेकर इस बार लोगों में खासी उत्सुकता देखी गई। इसके लिए निर्वाचन आयोग के साथ-साथ कई संस्थाओं ने जागरुकता कार्यक्रम चलाया था। इस अभियान से कई प्रेरित करने वाले किस्से सामने आए।

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आगर-मालवा में दिव्यांग सुल्तान ने भी अपने फैसले से मतदान के प्रति जागरुकता का परिचय दिया। मतदान के दिन सुल्तान की शादी थी। उन्हें शादी के लिए बारात लेकर उज्जैन जाना था। उज्जैन रवाना होने से पहले वे छावनी स्थित मतदान केंद्र पहुंचे और मतदान किया।

इंदौर में भी मतदान बढ़ाने के लिए प्रशासन ने कई प्रयास किए। 'वोट इंदौर वोट एप" की मदद से बूथ लेवल ऑफिसर द्वारा मतदाताओं के मोबाइल नंबर का सत्यापन कराया गया और एसएमएस भी भेजे गए।

इसी तरह जबलपुर में ब्रेल लिपि की मार्गदर्शिका का सहयोग लेकर दृष्टिबाधित दिव्यांग रानी पटेल को पहली बार मतदान करने का मौका मिला। उनका कहना है कि मतदान तो उन्होंने कई बार किया है, लेकिन ब्रेल लिपि मार्गदर्शिका उन्हें पहली बार उपलब्ध हुई, जो उन्हें सहज मतदान करने में बहुत उपयोगी लगी।

गुना में 'वोट मैन" ने लोगों में मतदान के प्रति दिलचस्पी बढ़ाई। कई लोगों ने मतदान कर वोट मैन के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की। गुना जिले ने मतदान के लिए वोट मैन को शुभंकर बनाया था। भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार मतदान के लिए वाहन भी उपलब्ध कराए।

शाजापुर जिले की नीछमा में रहने वाली 103 साल की धापू बाई इसी वजह से वोट डाल सकीं। इसके अलावा पिंक बूथ, अलाव, वेब कास्टिंग, क्यू लेस मतदान केंद्रों ने भी नागरिकों के बीच मतदान को लेकर उत्सुकता बढ़ाई।

बाहरी राज्यों से आए मजदूर रमेश डामोर कोटा से अपने घर झाबुआ पहुंचे। उन्होंने बताया कि मतदान के लिए वेतन सहित अवकाश मिला था। झाबुआ जिला प्रशासन ने कंपनी से कहा था कि सभी मजदूरों को मतदान के लिए भेजा जाए। इसी का परिणाम है कि राजस्थान और गुजरात से हजारों मजदूर वोट डालने अपने गृहक्षेत्र में आए। 


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