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MP Election 2018: कांग्रेस के मौजूदा एक चौथाई विधायकों के खिलाफ एंटीइनकमबेंसी

MP Election 2018- कई सीटों पर कांग्रेस विधायक त्रिकोणीय मुकाबले में उलझे हुए नजर आ रहे हैं।

By Saurabh MishraEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 01:00 PM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 01:00 PM (IST)
MP Election 2018: कांग्रेस के मौजूदा एक चौथाई विधायकों के खिलाफ एंटीइनकमबेंसी
MP Election 2018: कांग्रेस के मौजूदा एक चौथाई विधायकों के खिलाफ एंटीइनकमबेंसी

रवींद्र कैलासिया, भोपाल। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने पांच विधायकों के टिकट काटकर 52 मौजूदा विधायकों को मैदान में उतारा है, लेकिन इनमें से कई पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कांग्रेस के इन विधायकों में से कुछ के खिलाफ क्षेत्र में एंटीइनकमबेंसी भी बताई जा रही है। हालांकि इनमें से कुछ विधायकों की शुरूआत में जो स्थिति थी, वह मतदान होने तक कुछ सुधरी भी है।

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कांग्रेस ने जिन विधायकों को टिकट दिया है, उनमें से रामनिवास रावत व मुकेश नायक ने अपनी सीट बदलने का आग्रह किया था, लेकिन पार्टी ने किसी का विधानसभा क्षेत्र नहीं बदला। रामनिवास रावत को चुनाव के शुरुआती दौर में जैसा माहौल दिखाई दे रहा था, बसपा से बाबूलाल मेवरा के प्रत्याशी बन जाने पर राहत लेकर आया। हालांकि पिछले दो चुनाव में उनकी जीत के अंतर के आंकड़ों से रावत की स्थिति अभी बहुत मजबूत नहीं दिखाई दे रही और वे त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे हुए हैं।

विधानसभा क्षेत्र बदलने का प्रयास करने वाले दूसरे विधायक मुकेश नायक के लिए बृजेंद्र प्रताप सिंह के स्थान पर प्रहलाद लोधी को टिकट मिलना राहत भरा रहा।

लोधी समाज से चिंतित 'कक्काजी'

पिछोर के मौजूदा विधायक केपी सिंह कक्काजी भी लोधी समाज के वोटों के कारण चुनावी चक्रव्यूह में उलझ गए। समाज के वोटों की खातिर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी यहां सभा ली, जिससे कक्काजी चिंतित दिखाई दे रहे हैं। विंध्य में गुढ़ से कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी के लिए भाजपा के नागेंद्र सिंह के अलावा समाजवादी पार्टी के कपिलध्वज चुनौती बन गए हैं। तिवारी 2013 में महज 1382 वोटों से ही जीते थे और अभी त्रिकोणीय मुकाबला बन जाने से उनके लिए परेशानी पैदा हो गई है।

चतुर्वेदी की चुनौती राजनगर में

विधायक विक्रम सिंह नातीराजा को पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने खुलेआम चुनौती दी है कि वे यहां से जीतकर बता दें। सत्यव्रत के बेटे नितिन सपा से चुनाव मैदान में हैं, क्योंकि उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। पुष्पराजगढ़ से फुंदेलाल सिंह मार्को का पार्टी टिकट काट रही थी पर आखिर में उन्हें टिकट दे दिया।

भाजपा ने यहां से युवा चेहरा उतारकर मार्को के खिलाफ क्षेत्र में विरोध को भुनाने का प्रयास किया है। भगवानपुरा के विधायक विजय सिंह सोलंकी का भी अंतिम समय में तय हुआ और वहां से दावेदारी करने वाले केदार डाबर टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उतर गए हैं। इससे सोलंकी फंसे हुए दिखाई दे रहे हैं।

टिकट पाने वाले मौजूदा विधायकों में अटेर के हेमंत कटारे, भितरवार के लाखनसिंह यादव, नागौद के यादवेंद्र सिंह, डिंडौरी के ओमकार सिंह मरकाम, अमरवाड़ा के कमलेश शाह, परासिया के सोहनलाल वाल्मिक, गंधवानी के उमंग सिंघार और सुवासरा के हरदीप डंग भी संघर्ष का सामना कर रहे हैं।


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