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MP Election 2018 : कमलनाथ ही होंगे मध्‍यप्रदेश के नए CM, बोले-प्रदेश का भविष्‍य रहेगा सुरक्षित

MP Election 2018 : कांग्रेस की बैठक का समय अनेक बार बदला। दिनभर सिंधिया और कमलनाथ के पक्ष में होती रही नारेबाजी।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 08:06 PM (IST)
MP Election 2018 : कमलनाथ ही होंगे मध्‍यप्रदेश के नए CM, बोले-प्रदेश का भविष्‍य रहेगा सुरक्षित
MP Election 2018 : कमलनाथ ही होंगे मध्‍यप्रदेश के नए CM, बोले-प्रदेश का भविष्‍य रहेगा सुरक्षित

भोपाल, दिल्‍ली। वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता और सांसद कमलनाथ ही मध्‍यप्रदेश के नए मुख्‍यमंत्री होंगे। राहुल गांधी की मंजूरी के बाद भोपाल में पीसीसी की बैठक में इस बात का औपचारिक ऐलान किया गया। एआईसीसी के पर्यवेक्षक एके एंटोनी ने इस बात की घोषणा विधायकों के बीच की। मध्‍यप्रदेश में किसी नेता को उप मुख्‍यमंत्री नहीं बनाया जाएगा।

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नाम की घोषणा के बाद कमलनाथ ने ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया का उनके समर्थन के लिए धन्‍यवाद अदा करते हुए कहा कि यह पद उनके लिए मील के पत्‍थर के समान है। उन्‍होंने कहा कि वे मध्‍यप्रदेश के मतदाताओं के आभारी हैं। कांग्रेस वचनपत्र में किए गए अपने सभी वादे पूरा करेगी। कमलनाथ ने कहा कि वे राज्‍यपाल से कल मिलकर शपथ के बारे मेें तय करेंगे। उन्‍होंने मौजूद कार्यकर्ताओं को आश्‍वस्‍त किया कि मध्‍यप्रदेश का भविष्‍य सुरक्षित रहेगा। कमलनाथ ने कहा कि उनके दोस्‍त के बेटे ने उन पर विश्‍वास किया इसके लिए वे उनके आभारी हैं। उनका आशय ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की ओर था।

जानकारी के अनुसार शपथ समारोह 17 दिसंबर को हो सकता है। इसमें 20 मंत्री भी शपथ ग्रहण कर सकते हैं।इससे पहले राजभवन में बुधवार को सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद कांग्रेस में दूसरे दिन भावी मुख्यमंत्री को लेकर दिल्ली से भोपाल तक कश्‍मकश की स्थिति बनी रही। वहीं दिल्‍ली में सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के साथ बैठक के बाद कमलनाथ व सिंधिया भोपाल पहुंचे। 

राहुल ने विश्व के महान उपन्यासकार लियो टॉलस्टाय के एक प्रसिद्ध कथन 'संयम और समय दो सबसे बड़े योद्धा हैं' के साथ कमलनाथ और ज्योतिरादित्य की तस्वीर ट्वीट की। इसमें वे खुद दोनों की बांहें थामे रेफरी के रूप में दिख रहे हैं। राहुल के ट्वीट का आशय साफ है कि यह समय कमलनाथ का है। सिंधिया को संयम के साथ अपने समय का इंतजार करना चाहिए। इस स्पष्ट संदेश के बाद राहुल से चर्चा कर बाहर निकले सिंधिया ने कहा कि सीएम पद की कोई रेस नहीं है। पार्टी एकजुट है और हाईकमान का फैसला उन्हें स्वीकार होगा। चेहरे पर मुस्कुराहट बिखरते कमलनाथ ने भी सब दुरुस्त होने की बात कही। 

कमलनाथ और सिंधिया दोनों ने दिल्‍ली बैठक के बाद किसी भी विवाद से इनकार किया ।राजधानी में देर रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम की घोषणा की गई। भोपाल विमानतल पर बड़ी संख्‍या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दोनों नेताओं के पहुंचने पर जमकर नारेबाजी की। जय, जय कमलनाथ के नारों से एयरपोर्ट गूंज उठा। कमलनाथ और सिंधिया का जमकर स्‍वागत किया गया। यहां सिंधिया ने पुष्‍पहार पहना। उन्‍होंने प्रण लिया था कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ही वे पुष्‍पहार पहनेंगे।

जहां दिल्ली में राहुल गांधी-सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के साथ सीएम पद के दोनों दावेदारों कमलनाथ-ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किसी एक नाम पर सहमति बनाने के लिए बैठकों का दौर चलता रहा तो भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से लेकर कमलनाथ-अजय सिंह के बंगले पर शक्ति प्रदर्शन के रूप में विधायक-कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे।

दिल्ली में अनिर्णय की स्थिति के चलते विधायक दल की बैठक का समय पांच बार बदलना पड़ा। भोपाल में कमलनाथ-सिंधिया के समर्थक अपने-अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर आमने-सामने आ गए और नारों के जरिए शक्ति प्रदर्शन करते रहे। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह भी भोपाल में सक्रिय रहे।

स्थिति को भांपते हुए प्रशासन ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (पीसीसी ) और कमलनाथ के सरकारी बंगले पर पुलिस सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए हैं। पीसीसी के सामने कमलनाथ-सिंधिया के बीच पोस्टरवार दिखाई दिया। भोपाल में गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस दफ्तर और वरिष्ठ नेता अजय सिंह के सरकारी बंगले पर दिनभर गहमा-गहमी रही। पोस्टरों में यहां तक लिखा गया कि 'ऊपर भोलेनाथ, नीचे कमलनाथ"। ग्वालियर में प्रसिद्ध अचलेश्वर मंदिर में सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर भगवान शिव का अभिषेक किया गया।

सिंधिया को लेकर होती रही नारेबाजी

कांग्रेस विधायक दल का नेता कौन होगा, इसे लेकर दिनभर असंमजस रहा। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर चार-पांच घंटे तक ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में नारेबाजी होती रही। परिणाम आने के बाद जब यह संदेश आम हुआ कि अध्यक्ष राहुल गांधी मध्य प्रदेश की कमान कमलनाथ को सौंप रहे हैं, तत्काल बाद पूरे प्रदेश से सिंधिया समर्थक भोपाल पहुंच गए और नारेबाजी के माध्यम से दबाव बनाने में जुट गए। पीसीसी के बाहर कई बार टकराव के आसार भी बने। नारेबाजी करने वालों में कुछ नवनिर्वाचित विधायक भी शामिल थे। दिल्ली से भोपाल तक पहुंची खबरों के मुताबिक मध्य प्रदेश को लेकर राहुल गांधी के निवास पर दो बजे बैठक बुलाई गई थी। वहां अनिर्णय बना रहा और इधर भोपाल में नारेबाजी बढ़ती रही।

ऐसा चला दिनभर घमासान

समय- दोपहर 12:00 बजे

स्थान- सी 19, अजय सिंह का निवास

अजय सिंह के बंगले पर विधायकों का जमावड़ा लगना शुरू हुआ। नवनिर्वाचित विधायक डॉ. गोविंद सिंह, विक्रम सिंह नातीराजा, नीलांशु चतुर्वेदी, आलोक चतुर्वेदी, सुनीता पटेल, सुनीता कासडेकर, विनय सक्सेना, नीरज दीक्षित, ठा. सुरेंद्र सिंह शेरा भैया सहित पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव व अन्य नेता पहुंचे थे। सिंह से मिलते ही अरुण यादव भावुक हो गए। अजय सिंह ने उनका कंधा दबाते हुए ढांढस बंधाया। यहां डॉ. गोविंद सिंह ने मीडिया से कहा कि कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। साथ ही कुछ नेताओं ने सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग भी की। नीलांशु, सुनीता पटेल, विनय, सुरेंद्र सिंह सहित कुछ अन्य नवनिर्वाचित विधायकों ने अजय सिंह के लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की है।

समय- दोपहर 2:00 बजे

स्थान- प्रदेश कांग्रेस कार्यालय

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहुंचे। उनके साथ पुत्र विधायक जयवर्द्धन सिंह भी थे। दिग्विजय के पहुंचते ही वहां मौजूद कई विधायकों ने मुलाकात की। पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा भी दिग्विजय सिंह के पहुंचने पर पहुंचे। विधायक दल के नेता के लिए होने वाली विधायक दल की बैठक के पहले दिग्विजय से मिले विधायकों ने रणनीति पर बातचीत भी की।

समय- 4:00 बजे

स्थान- कमलनाथ निवास

दिल्ली में जब कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के नाम को फाइनल करने के लिए बैठक चल रही थी तो भोपाल में कमलनाथ के श्यामला हिल्स स्थित सरकार बंगले पर पुलिस इंतजाम बढ़ा दिए। यही नहीं, मुख्यमंत्री सुरक्षा के पुलिस अधीक्षक मनु व्यास ने भी वहां पहुंचकर सुरक्षा का जायजा लिया। बंगले के भीतर डॉग स्क्वॉड और बम स्क्वॉड की टीमों ने निरीक्षण किया। इसके बाद बंगले के भीतर आम आदमी को बिना सुरक्षा जांच के प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई।

पांच बार बदला बैठकों का समय

दिल्ली में किसी एक नाम पर सहमति न बनने के कारण कांग्रेस विधायक दल की बैठक का समय पांच बार बदलना पड़ा। पहले यह बैठक शाम 4 बजे होनी थी। पहली बार इसे बढ़ाकर 5 बजे किया गया। फिर 6 बजे हुआ और रात साढ़े आठ बजे की सूचना आई, अंत में इसका समय 10 बजे का बताया गया।


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