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MP Election 2018: सर्विस वोटर: हर वोट में 5 QR code, लंबी खिंच सकती है मतगणना

MP Election 2018 : पहली बार सर्विस वोटर के इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड वोट, आईटी एक्सपर्ट जुटे ट्रेनिंग देने में।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 08:02 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 07:52 AM (IST)
MP Election 2018: सर्विस वोटर: हर वोट में 5 QR code, लंबी खिंच सकती है मतगणना
MP Election 2018: सर्विस वोटर: हर वोट में 5 QR code, लंबी खिंच सकती है मतगणना

ग्वालियर। पहली बार इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट (ईटीपीबी)के उपयोग से इस बार विधानसभा चुनाव की मतगणना के समय पर असर पड़ेगा। एक सर्विस वोट के ईटीपीबी में 5 क्यूआर कोड हैं, जिन्हें स्कैन करके ओपन करना होगा। एक वोट एक ही बार स्कैन करने का अवसर रहेगा।

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इस पूरी प्रोसेस में कम से कम दो से तीन मिनट का समय लगेगा। प्रदेशभर के सभी जिलों में इसी पैटर्न पर ईटीपीबी डीकोड किए जाएंगे। पहली बार होने वाली इस प्रोसेस में जिलों में निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों की टेंशन बढ़ गई है। इसके लिए सभी जगह आईटी एक्सपर्ट और ट्रेनिंग कराई जा रही हैं। फिलहाल किसी के पास यह जवाब नहीं है कि 11 दिसंबर को होने वाली मतगणना एक ही दिन में निपट पाएगी या नहीं।

विधानसभा निर्वाचन-2018 में 28 नवंबर को हुए मतदान के बाद अब 11 दिसंबर को मतगणना होनी है। मतगणना के दिन सबसे पहले सुबह 8 बजे से पहले तक आने वाले पोस्टल बैलेटों से शुरूआत की जाएगी। 8 बजने के बाद आने वाले पोस्टल बैलेट को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इन पोस्टल बैलेटों में सर्विस वोटरों के वोट और चुनाव डयूटी में लगे कर्मचारियों के डाकमत पत्र रहेंगे। सर्विस वोटरों के वोट इलेक्ट्रॉनिकली अधिकारियों और कर्मचारियों के विभागों की रिकॉर्ड शाखा को भेजे जाते हैं।

क्या है ईटीपीबी: ऐसे समझें

सर्विस वोटर वो वोटर हैं जो भारत की विभिन्न् सेनाओं सहित सुरक्षा एजेंसी सहित अन्य एजेंसियों में अपने जिले-प्रदेश से बाहर सेवाएं दे रहे हैं। इन्हें मतदान में शामिल कराने के लिए ऑनलाइन इनके विभागों के रिकॉर्ड शाखाओं को वोट के लिए लिंक भेज दिए जाते हैं। अभी तक मैन्युअली पोस्टल बैलेट की तरह वोट भेजे जाते थे और साधारण तरीके से ही आते थे। इस बार ऑनलाइन लिंक के जरिए पोस्टल बैलेट भेजा गया और लौटकर वहां से मैन्युअली ही आएगा। आने वाले लिफाफे में पांच क्यूआर कोड होंगे।

5 क्यूआर कोड, मतपत्र होगा स्कैन

-सर्विस वोटर का जो लिफाफा आएगा उसमें सबसे ऊपर वाले लिफाफे में एक क्यूआर कोड होगा, जिसे स्कैन किया जाएगा।

-घोषणा पत्र भी लिफाफे में होगा, जिसमें एक क्यूआर कोड होगा। इसके बाद अंदर घोषणा पत्र होगा, जिसमें दो क्यूआर कोड होंगे, इन दोनों को स्कैन किया जाएगा।

-सर्विस वोटर का मतपत्र भी स्कैन किया जाएगा तब फायनल प्रोसेस आगे बढ़ेगी।

-क्यूआर कोड को एक ही बार स्कैन करने का नियम है, दो बार कर दिया तो वोट निरस्त हो सकता है।

ग्वालियर: कितने सर्विस वोट और पोस्टल बैलेट

विधानसभा पोस्टल बैलेट ईटीपीबी

ग्रामीण 963 654

ग्वालियर 3408 986

पूर्व 4664 747

दक्षिण 2245 313

डबरा 1412 269

भितरवार 962 503

ऐसे तो 115 घंटे लग जाएंगे, कैसे करेंगे मैनेजमेंट?

ग्वालियर की 6 विधानसभाओं में 3472 सर्विस वोटरों के वोट डीकोड करने में ऐसे तो 115 घंटे लग जाएंगे। एक वोट का समय कम से कम दो मिनट लगेगा। ऐसे में इससे निपटने के लिए 300 सर्विस वोटरों की एक टेबल अलग लगेगी, जिसपर एक असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर बैठाया जाएगा। हर रिटर्निंग ऑफिसर को अभी से एक-एक आईटी एक्सपर्ट दे दिया गया है। सर्विस वोटर और पोस्टल बैलेट के लिए अतिरिक्त टेबलें और स्टाफ इस बार रखा जाएगा। जिससे सर्विस वोट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

दो मिनट एक ईटीपीबी में लगेगा

सर्विस वोटरों के इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड वोट को गणना में शामिल करने मंे 5 क्यूआर कोड को स्कैन करना है। मतपत्र को अलग से स्कैन किया जाएगा। इसमें कम से कम दो से तीन मिनट लगेंगे। अलग से एआरओ और स्टाफ बैठाया जा रहा है। आईटी एक्सपर्ट लगाए गए हैं। मतगणना एक बार शुरू होने के बाद पूरी ही करना पड़ती है। सर्विस वोट समय ज्‍यादा ले सकते हैं।

केके गौर,सर्विस व पोस्टल बैलेट प्रभारी,ग्वालियर


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