MP Election 2018: सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों ने लिए पांच लाख तक के पैकेज
MP Election 2018 फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उम्मीदवारों द्वारा डाली जा रही ये चुनावी पोस्ट वाट्सएप पर भी वायरल हो रही हैं।
इंदौर, अभिषेक शर्मा, नईदुनिया। प्रदेश के चुनावों में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और बॉलीवुड के गब्बर की गैंग भी उतर आई है। एक प्रत्याशी द्वारा डाले गए वीडियो में ट्रंप बच्चे से विजेता का नाम पूछ रहे हैं तो वॉशिंगटन की सड़कों की तुलना मध्यप्रदेश की सड़कों से करने की शिवराज की बात पर गब्बर की गैंग उनकी खिल्ली उड़ा रही है। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उम्मीदवारों द्वारा डाली जा रही ये चुनावी पोस्ट वाट्सएप पर भी वायरल हो रही हैं।
चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही सोशल मीडिया पर भी उम्मीदवारों की जंग तेज हो गई है। चुनाव के पहले सोशल मीडिया पर मतदाताओं को साधने के लिए दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने काफी समय पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। पार्टी स्तर पर तो इसके लिए टीमें बनाई ही गईं, लेकिन उम्मीदवार इसके लिए निजी कंपनियों की मदद भी ले रहे हैं। इसके लिए उम्मीदवारों ने चार से पांच लाख रुपए तक के पैकेज लिए हैं।
उम्मीदवारों के सोशल मीडिया अकाउंट फैन क्लब के नाम से बनाए गए हैं इसलिए इसमें होने वाले लाखों के खर्च को वे अपने खाते में नहीं दर्शा रहे हैं। एक सोशल मीडिया मार्केटिंग एजेंसी के संचालक ने नाम नहीं छापने के आग्रह पर बताया कि उसके द्वारा छह से ज्यादा उम्मीदवारों का सोशल मीडिया हैंडल है। इसमें तीन से पांच लाख तक के पैकेज इन्हें दिए गए हैं जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट करने के साथ फेसबुक का पेड प्रमोशन भी शामिल है। इसमें हर दिन फेसबुक पर ही 10-12 पोस्ट प्रति उम्मीदवार डाली जा रही हैं। वाट्सएप द्वारा फॉरवर्ड मैसेज की संख्या पर लगाम लगाने के बाद फेसबुक, टि्वटर, यू ट्यूब और इंस्टाग्राम पर चुनावी दंगल ज्यादा है। इसमें भी सबसे बड़ा हिस्सा फेसबुक का है। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में दो करोड़ से भी ज्यादा लोग सोशल मीडिया पर हैं और चुनाव में यह प्रचार का महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है।
भाजपा के निशाने पर राहुल
शहर की नौ विधानसभाओं क्षेत्र से खड़े लगभग सभी उम्मीदवार सोशल मीडिया पर भी चुनावी जंग लड़ रहे हैं। इसमें विरोधी प्रत्याशी से जुड़े मुद्दे उठाना, मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेताओं के मजाकिया पोस्ट बनाना भी शामिल है। भाजपा के निशाने पर राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं तो कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवराजसिंह चौहान को निशाना बना रही है। प्रत्याशी अपने तय चुनावी खर्च का एक बड़ा हिस्सा यहां खर्च कर रहे हैं और नियमों का फायदा उठाकर इसे अपने खर्च में भी शामिल नहीं कर रहे हैं।
यह मिल रहा पैकेज में
- रोजाना सोशल मीडिया पर 10 से 12 पोस्ट
- जनसंपर्क के दौरान एक व्यक्ति फोटो और कंटेंट के लिए हमेशा साथ चलता है।
- वीडियो और पोस्टर के क्रिएटिव्स बनाना।
- गानों और वीडियो का प्रोडक्शन
- फेसबुक पेड प्रमोशन के जरिए ज्यादा से ज्यादा व्यू दिलाना
चुनाव के पहले ऑनलाइन पोलिंग, पेड प्रमोशन
सोशल मीडिया पर कई टूल्स और वेबसाइट ऐसी भी उपलब्ध हैं जो प्रत्याशियों की पोलिंग भी करा रही हैं। इसमें प्रत्याशी द्वारा प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के साथ अपना फोटो और पोल करने का ऑप्शन दिया जा रहा है। हालांकि यह पूरी तरह से वैध नजर नहीं आ रहा है क्योंकि पोस्ट करने वाले को ही ज्यादा मत मिल रहे हैं। इसके साथ ही उम्मीदवार फेसबुक के पेड प्रमोशन का भी सहारा ले रहे हैं जिसमें 50 रुपए की शुरुआती कीमत पर पोस्ट की जाती है। यह पोस्ट कितने लोगों तक पहुंचेगी, इसके आधार पर इसकी कीमत तय होती है जो बढ़कर बड़ी राशि तक जा सकती है।
निकाल लिया वाट्सएप का तोड़
वाट्सएप ने चुनावों के मद्देनजर फॉरवर्ड मैसेज की संख्या पांच लोगों तक सीमित कर दी ताकि कोई भी गलत कंटेंट वायरल न हो। लोगों ने वाट्सएप जीबी के रूप में भी इसका तोड़ निकाल लिया है। वाट्सएप जीबी वाट्सएप की तरह ही काम करता है, लेकिन इसमें फॉरवर्ड मैसेज की कोई लिमिट नहीं है।
सोशल मीडिया के लिए बन गए वॉर रूम
सोशल मीडिया मैनेज करने के लिए दोनों ही पार्टियों ने वॉर रूम भी बना लिए हैं। कांग्रेस के वॉर रूम में तीन शिफ्ट में आठ प्रोफेशनल्स और पदाधिकारियों की टीम 24 घंटे मोबाइल और कम्प्यूटर पर डटी रहती है। इंदौर में कांग्रेस की आईटी टीम में बूथ स्तर पर करीब 700 लोग काम कर रहे हैं। भाजपा ने एक कदम आगे बढ़कर कॉल सेंटर ही बना दिया है। इसके साथ ही शहर में करीब ढाई हजार लोगों की टीम सोशल मीडिया हैंडल करने में लगी हुई। भाजपा अपनी योजनाओं और उनकी सफलता की कहानियों पर ज्यादा फोकस कर रही है।