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MP Election 2018: 15 सालों से अभेद्य किले को 'अभय' चुनौती

MP Election 2018: 2003 में पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पुष्पराज सिंह को हराकर राजेंद्र शुक्ल ने रीवा को भाजपा के अभेद्य किले के रूप में बदल दिया।

By Prashant PandeyEdited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 08:33 AM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 08:33 AM (IST)
MP Election 2018: 15 सालों से अभेद्य किले को 'अभय' चुनौती
MP Election 2018: 15 सालों से अभेद्य किले को 'अभय' चुनौती

रीवा, अतुल गुप्ता। 2003 में पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पुष्पराज सिंह को हराकर राजेंद्र शुक्ल ने रीवा को भाजपा के अभेद्य किले के रूप में बदल दिया। इसके बाद से हर चुनाव में रीवा में भाजपा को अजेय बढ़त रही। रीवा को भले ही विकास के मामले में 50 साल आगे करने के दावे किए जा रहे हों, लेकिन भाजपा के इस किले को भेदने की इस बार अभय चुनौती मिली है। राजेंद्र शुक्ल का हाथ पकड़कर राजनीति में पहचान बनाने वाले अभय मिश्रा ने ऐनवक्त पर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। राजनीति के मैदान में उन्हें बाहुबली और महत्वाकांक्षी दोनों माना जाता है। कभी गुरु-शिष्य की जोड़ी कहे जाने वाले अब आमने-सामने हैं।

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शुक्ल अपने अनुभव और सौम्यता के चलते मतदाताओं को प्रभावित करते हैं तो अभय रीवा को कुछ खास बिल्डरों के चंगुल से आजाद कराने का वादा करते हैं। उनके व्यक्तित्व की झलक चुनाव प्रचार में भी मिलती है। शुक्ल आमतौर पर सुबह 10 बजे प्रचार पर निकलते हैं और रात 8-9 बजे तक घर लौट आते हैं। विकास के दावों पर तो बेबाकी से राय रखते हैं लेकिन अभय मिश्रा की भाजपा में वापसी या समझौता संबंधी सवाल पूछते ही मुस्कुराते हुए निकल जाते हैं।

दूसरी तरफ, अभय मिश्रा मतदाताओं को मनाने सुबह 6 बजे से निकल पड़ते हैं और रात में 2-3 बजे तक बैठकों-मंथन का दौर चलता रहता है। बेबाकी से कहते भी हैं कि पार्टी और पद मेरे लिए महत्व नहीं रखते। मुझे जनता की सेवा करना है। 15 साल से विधायक, मंत्री राजेंद्र शुक्ल को इस सीट पर बढ़त है लेकिन यहां के वोटरों की चुप्पी उन्हें भी परेशानी में डाल सकती है। दोनों प्रत्याशी ब्राह्मण होने के कारण सबसे बड़ा वोट शेयर बंट जाएगा।

अभी तो शुरुआत, उड़ान बाकी अभी तो यहां सड़क, रेलवे, मल्टी स्टोरीज और बाजारों पर ही काम हुआ है। उड़ान अभी बाकी है। पर्यटन के लिए मुकुंदपुर टाइगर सफारी शुरू हो चुकी है। देश-विदेश के लोगों को आकर्षित करने के लिए एयरपोर्ट बनना बाकी है। किसी के आने-जाने से भाजपा को फर्क नहीं पड़ता। -राजेंद्र शुक्ल, भाजपा प्रत्याशी

रीवा फर्स्ट, रीवा लास्ट कोई मुझे बाहुबली कहे या महत्वाकांक्षी, मैं जनता के हित के लिए लड़ता हूं। अगले पांच साल में रीवा को एक बिल्डर (एक खास नाम) से मुक्त कर दूंगा। यह नहीं होगा कि जिला हमारा और पैसा दूसरा कोई कमाए। मैं सुनिश्चित करूंगा कि रीवा में उद्योग लगें तो नौकरी में शहर के लोग ही फर्स्ट और लास्ट रहें। -अभय मिश्रा, कांग्रेस प्रत्याशी  


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