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MP Election 2018 : दिनभर चला चुनावी चर्चाओं का दौर

राजनीतिक दल से जुड़े पदाधिकारी, कार्यकर्ता और आमजन के बीच मतदान प्रतिशत के आधार पर जीत-हार की चर्चा चल रही है।

By Prashant PandeyEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 02:33 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 02:36 PM (IST)
MP Election 2018 : दिनभर चला चुनावी चर्चाओं का दौर
MP Election 2018 : दिनभर चला चुनावी चर्चाओं का दौर

खंडवा, उदय मंडलोई। राजनीतिक दल से जुड़े पदाधिकारी, कार्यकर्ता और आमजन के बीच मतदान प्रतिशत के आधार पर जीत-हार की चर्चा चल रही है। जिले की चारों विधानसभा में जीत-हार का गुणा भाग लगाया जा रहा है। गुरुवार को चर्चा रही कि परिणाम भाजपा-कांग्रेस दो-दो रहेगा या फिर तीन-एक। प्रत्याशी और समर्थक अपनी-अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आशान्वित हैं। राजनीति से जुड़े लोगों के साथ ही आमजन भी मतदान शांतिपूर्वक निपटने से राहत की सांस ले रहा है। चुनाव की वजह से बाजार में आया ठहराव भी एक- दो दिन में रूटीन पर आने की संभावना है। चुनावी चर्चाओं में खंडवा के अलावा पूरे निमाड़ और मालवा के साथ ही प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी, यह भी कयास लगाए जा रहे हैं।

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राजनीतिक दल के वे पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता भी गुणाभाग लगा रहे हैं जिन्हें अपनी सरकार बनने की उम्मीद है। अलग-अलग कारणों से चुनाव नहीं लड़ पाने वाले दिग्गज सरकार बनने पर अपना भविष्य निगम-मंडल में तलाश रहे हैं।

खंडवा में मतदान के बाद भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र वर्मा और उनके समर्थक उत्साहित हैं। कांग्रेस प्रत्याशी कुंदन मालवीय से सीधे मुकाबले को प्रचार के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी कौशल मेहरा की सक्रियता ने रोचक बना दिया। निर्दलीय प्रत्याशी कौशल मेहरा महादेवगढ़ के समर्थन से जोर-शोर से मैदान में बने रहे तो टिकट मिलने के बाद कांग्रेस के कुंदन मालवीय ने तेजी से परिस्थितियां अपने पक्ष में की। उन्होंने रूठों को मनाने में अपना समय खराब करने की बजाए आगे की राह पकड़ी। ऐसे में खंडवा विधानसभा में कांटे की टक्कर के बीच परिणाम क्या आएगा, कहना मुश्किल है।

मांधाता विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी नारायण पटेल और भाजपा के नरेंद्रसिंह तोमर में कांटे की टक्कर अंतिम समय तक बनी रही। राजपूत-गुर्जर वोट बंटने के बाद बाकी मतदाता तय करेंगे कि वे विधायक के रूप में किसे पसंद करते हैं। इस विधानसभा में भाजपा का प्रचार मैनेजमेंट कमजोर रहा तो कांग्रेस पर सीधे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने नजर रखी। कहने को तो भाजपा की तरफ से भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान यहां सक्रिय रहे लेकिन उनका असर दिखाई नहीं दिया।

पंधाना विधानसभा में प्रचार में कांग्रेस की छाया मोरे ने बाजी मार ली लेकिन यह मतदान में कितनी तब्दील होती है, कहना मुश्किल है। भाजपा के राम दांगोरे और समर्थक जीत के प्रति आशान्वित हैं लेकिन यहां निर्दलीय प्रत्याशी रूपाली बारे को मिलने वाले वोट भी जीत-हार तय करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। हरसूद विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी सुखराम सालवे मुकाबले मंत्री विजय शाह को पिछले चुनाव की तुलाना में कितनी कड़ी टक्कर दे पाते हैं इस पर सभी की निगाहें लगी हैं।

हरसूद विधानसभा

भाजपा प्रत्याशी विजय शाह के अनुसार ये होंगे जीत के आधार

- लगातार छह बार से विधायक होने के साथ ही क्षेत्रवासियों से जीवंत संपर्क।

- मंत्री रहते भी विधानसभा में सदैव सक्रियता के साथ लोगों से मिलना-जुलना।

- क्षेत्र में सड़क, बिजली, शिक्षा के लिए कई विकास कार्य।

- जुझारू, दबंग और अपने लोगों के लिए जी-जान से लड़ने की छबि।

- शानदार चुनाव मैनेजमेंट के साथ मैदान में जुझारू टीम।

कांग्रेस प्रत्याशी सुखराम सालवे के अनुसार ये होंगे उनकी जीत के आधार

- कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक।

- कोरकु समाज का होने से समाज का सहयोग।

- निर्विवादित और मिलनसार छवि।

- कुपोषण, विस्थापन से सरकार के खिलाफ उपजा आक्रोश। सत्ता विरोधी लहर।  


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