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MP Election 2018: करोड़ों खर्च करने के बाद भी सिर्फ इतने फीसद बढ़ी वोटिंग

MP Election 2018: भोपाल में पिछली बार 62 फीसद के आसपास मतदान हुआ था। इस बार इंडियन ओशियन बैंड को बुलाया गया, लेकिन फिर भी वोटिंग प्रतिशत ज्यादा नहीं पढ़ा।

By Saurabh MishraEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 09:57 AM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 09:57 AM (IST)
MP Election 2018: करोड़ों खर्च करने के बाद भी सिर्फ इतने फीसद बढ़ी वोटिंग
MP Election 2018: करोड़ों खर्च करने के बाद भी सिर्फ इतने फीसद बढ़ी वोटिंग

भोपाल। निर्वाचन आयोग की पहल पर शहर में मतदान बढ़ाने के लिए स्वीप की गतिविधियां संचालित की गई थी। इन गतिविधियां का नतीजा यह रहा कि भोपाल में मतदान का प्रतिशत महज 3.08 फीसदी ही बढ़ा। 2013 में मतदान का प्रतिशत जहां 62.63 था, वहीं भोपाल में इस बार मतदान का प्रतिशत महज 65.54 प्रतिशत रहा।

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खास बात तो यह है कि इस बार भोपाल में स्वीप गतिविधियां संचालित करने के बाद मतदान का प्रतिशत 70 फीसदी से ऊपर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। लिहाजा स्वीप गतिविधियों पर अकेले भोपाल में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए।

बता दें कि स्वीप के तहत मतदाता जागरूकता के मामले में निर्वाचन आयोग जिम्मेदार अधिकारियों को सम्मानित करने का दावा किया था। वहीं आयोग के दिशा निर्देश के तहत अधिकारी जागरूकता कार्यक्रम को हर हाल में बेहतर बनाने की कवायद में पिछले 45 दिनों से रात-दिन मेहनत कर रहे थे। विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता कार्यक्रम को प्रभावी बनाने की अपील की थी।

बता दें कि स्वीप गतिविधियों के तहत ही 2 नवंबर को इंडियन ओशियन बैंड नई दिल्ली ने म्यूजिकल नाईट की प्रस्तुति दी थी।

इसलिए चलाया गया था स्वीप अभियान

अधिक से अधिक मतदाता स्वीप गतिविधियों से जुड़कर मतदान के लिए बूथ पर पहुंचे, इसके लिए कोई कसर ना छोड़ने के लिए कहा गया था। जागरूकता कार्यक्रम करने में एक जिला दूसरे जिले को पीछे छोड़ने के लिए अपने प्रयास और बेहतर ढंग से करें इसके लिए निर्वाचन आयोग ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के रास्ते भी खोले थे। इसके तहत जिलों में स्वीप कार्यक्रमों पर आयोग की पैनी नजर थी। सबसे अच्छा कार्यक्रम करने वाले जिले को चिन्हित कर पुरस्कृत करने की भी प्लानिंग थी।

भोपाल में हुई थी 21 तरह की गतिविधियां

स्वीप केलेंडर के अनुसार 23 अक्टूबर को समावेशी मतदान की अवधारणा पर संवाद एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया था। वहीं 26 अक्टूबर को लोकतंत्र के रंग- रंगमंच के संग (कबीर भजन, नक्कड़ नाटक, लोक नृत्य एवं भारत नाट्यम द्वारा मतदान का संदेश) मानव संग्रहालय में आयोजित किया गया था। इसमें उज्जैन का टिपनिया समूह, ए.डी.आर. संस्था तथा स्थानीय कलाकारों ने प्रस्तुति दी थी।

चलाया गया था फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी

28 से 30 अक्टूबर तक तीन दिवसीय फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी के अंतर्गत साहसिक खेलों का आयोजन भी स्वीप गतिविधियों के तहत करवाया गया था। इसमें हॉट एयर बेलून, रिवर्स बंजी, कमांडो ड्रिल, बुल राइड टेम्पोलिन, एटीवी बाइक, बंघी रन, तीरंदाजी, रायफल शूटिंग, वाल क्लाइबिंग, वाटर रोलर, पेरामोटर, पैरा सेलिंग आदि का आयोजन लाल परेड ग्राउंड तथा कलियासोत मैदान पर किया गया था।


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