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MP Chunav 2018: राहुल गांधी राजनीति के सबसे नासमझ नेता : अरुण जेटली

MP Chunav 2018 जेटली ने कहा कि यूपीए सरकार में कोई भी योजना साकार नहीं हो पाती थी। विश्लेषकों ने इसे पॉलिसी पैरालिसिस बताया।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 08:58 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 08:58 PM (IST)
MP Chunav 2018: राहुल गांधी राजनीति के सबसे नासमझ नेता : अरुण जेटली
MP Chunav 2018: राहुल गांधी राजनीति के सबसे नासमझ नेता : अरुण जेटली

जबलपुर। केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर बड़ा हमला किया। राफेल डील को लेकर राहुल के लगातार आरोपों पर अरुण जेटली ने कहा कि आजादी के बाद की राजनीति में राहुल गांधी जैसा नासमझ नेता नहीं देखा। वो यहीं नहीं रुके बोले, राहुल केजी क्लास के बच्चे की तरह जिद्दी हैं जिसे सच पता है फिर भी झूठ को बार-बार बोलकर सच साबित करने की जिद पकड़े हैं।

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केन्द्रीय मंत्री होटल नर्मदा जैक्सन में प्रबुद्धजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 2014 में मोदी सरकार बनने से देश ही नहीं विश्व में भारत का मान बढ़ा है। एनडीए के 4.5 साल के कार्यकाल में कोई बड़ा आंदोलन देश में खड़ा नहीं हुआ।

यूपीए में पॉलिसी की पैरालिसिस

जेटली ने कहा कि यूपीए सरकार में कोई भी योजना साकार नहीं हो पाती थी। विश्लेषकों ने इसे पॉलिसी पैरालिसिस बताया। राफेल डील भी इसी से ग्रस्त थी। मोदी सरकार में डील हुई। पहले से तय दाम पर सस्ती कीमत में विमान खरीदे गए। राहुल गांधी इसको लेकर भ्रम फैला रहे हैं। राहुल राफेल विमान की बात कर रहे हैं। जहाज खाली होता है उसमें हथियार लगता है जिसे विमान लेकर उड़ान भरता है। अत्याधुनिक और एयरफोर्स की जरूरत के मुताबिक हथियार राफेल विमान में लोड है जिसके बाद इसकी कीमत बदल जाती है। राहुल एक तरह से खाली प्लाट और प्लाट पर बने मकान के बीच तुलना करना चाहते हंै। सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार ने यही बात बताई है।

8.5 लाख करोड़ एनपीए कांग्रेस की देन

वित्त मंत्री ने बैंकों के बढ़ते एनपीए पर भी सफाई दी। कहा कि 2014 में मोदी सरकार आई तो बताया गया कि 2.5 लाख करोड़ बैंक का एनपीए है। जब पता किया गया तो एनपीए 8.5 लाख करोड़ था। कांग्रेस शासन में दम तोड़ चुके उद्योगों को लोन बांटा गया। मोदी सरकार ने लोन के लिए नई नीति बनाई। जिससें एनपीए की वसूली की जा सके।

15 साल में मप्र का एजेंडा बदला

मप्र के विकास को लेकर अरुण जेटली ने कहा कि 2003 के चुनाव में वो प्रदेश प्रभारी बने। उस वक्त मप्र में बिजली,सड़क,पानी की जरूरत थी। लोग सड़कों से चलने से बचते थे। अब लोगों के दूसरी जरूरत है। 15 साल में शिवराज सरकार ने काफी विकास किया। यह इसी बात से साबित होता है कि लोगों का एजेंडे में यह बातें शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि उत्पादन की ग्रोथ औसत 20 फीसदी है। मप्र को बीमारू राज्य से विकसित बनाने का काम शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने किया।


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