MP Chunav 2018: भ्रष्टाचार-अपराध और अराजकता के चलते जदयू ने चुनी अलग राह
Madhya Pradesh Chunav 2018: यही वजह है कि जदयू मप्र में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए प्रयासरत है।
भोपाल, नवदुनिया स्टेट ब्यूरो। मध्यप्रदेश में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) भाजपा की नीतियों से इत्तेफाक नहीं रखती। जदयू का मानना है कि मप्र में भ्रष्टाचार, अपराध और संप्रदायवाद जैसी बुराइयां बहुत ज्यादा है। किसानों की आत्महत्याएं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं नए रिकार्ड बना रही हैं। यही वजह है कि जदयू मप्र में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए प्रयासरत है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सूरज जायसवाल का दावा है कि मप्र में हमारे प्रत्याशी भले ही मैदान में न हों, लेकिन गुण-दोष के आधार पर गैर भाजपाई उम्मीदवारों को समर्थन देने का निर्णय किया जाएगा। मप्र इकाई के इस प्रस्ताव को पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार भी अपनी सहमति दे चुके हैं। बिहार में भाजपा के सहयोग से सरकार चलाने के बावजूद मप्र में उसके साथ ऐसा बर्ताव? इस सवाल पर जायसवाल ने तर्क दिया कि बिहार सरकार नीतीश कुमार की नीतियों पर चल रही है, वहां भाजपा महज सहयोगी भर है। मप्र में किसान, व्यापारी, युवा और महिला वर्ग सभी परेशान हैं। भाजपा की गलत नीतियों का हम समर्थन नहीं करते।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि मुझे ठीक एक साल पहले पार्टी की कमान सौंपी गई थी। पहले दिन से ही जदयू का मप्र में यही 'स्टैंड" कायम है। यही नहीं, बल्कि गुजरात, कर्नाटक और नगालैंड विधानसभा चुनाव के दौरान भी जदयू ने अपने प्रत्याशी अलग खड़े किए थे। प्रदेश में जदयू यदि अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारती तो 15-20 सीटें ऐसी हैं, जहां मत विभाजन के चलते सीधा फायदा भाजपा को हो जाता। इसलिए हम कांग्रेस अथवा अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों को विचारधारा और गुण-दोष के आधार पर समर्थन देने का निर्णय भी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने इन मुद्दों को दरकिनार कर दिया। उनका दावा है कि असली 'सेकुलर" तो हम ही हैं।