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MP Chunav 2018: 24 घंटे बाद होगा सत्ता का मंगल 'सुप्रभात', सबकी उड़ी नींद

MP Chunav 2018- इस बार चुनाव ईटीपीबी, पोस्ट बैलेट और वीवीपैट की वजह से वोटों की गिनती में पहले के मुकाबले ज्यादा वक्त लगेगा।

By Saurabh MishraEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 10:16 AM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 10:16 AM (IST)
MP Chunav 2018: 24 घंटे बाद होगा सत्ता का मंगल 'सुप्रभात', सबकी उड़ी नींद
MP Chunav 2018: 24 घंटे बाद होगा सत्ता का मंगल 'सुप्रभात', सबकी उड़ी नींद

ग्वालियर। विधानसभा निर्वाचन-2018 की मतगणना परीक्षा पहले जैसी आसान नहीं है। नतीजों तक अफसरों के लिए चुनौती ही रहेगी। 6 विधानसभा क्षेत्रों के 89 प्रत्याशियों के मतों की गणना होनी है। इस बार एक नहीं मतगणना में कई नई तकनीकी व्यवस्थाएं आयोग ने जोड़ीं हैं।

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मतगणना को 4 अहम मुश्किल चुनौतियों से गुजरना है। इसमें इलेक्ट्रोनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट, चुनाव डयूटी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट, वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) और इस बार मतदान में कुछ जगह मतदान में जोड़ लिए गए मॉक पोल भी शामिल हैं। मतगणना को लेकर अफसर चौकस तैयारियों के होमवर्क में लगे हुए हैं।

पर्चियों का मिलान बढ़ा सकता है संकट

ये है चुनौती: प्रत्याशियों और उनकी बैठकों में निर्वाचन अधिकारी ने भरोसा दिलाया है कि प्रत्याशी रिटर्निंग ऑफिसर से किसी और वीवीपैट के लिए आपत्ति करेगा तो उसकी पर्चियों का भी मिलान किया जाएगा। अगर प्रत्याशियों ने अधिक वीवीपैट के मिलान की मांग उठाई तो इसमें समय और बढ़ जाएगा। 

पहली बार वीवीपैट का इस्तेमाल 

प्रदेश में विधानसभा चुनाव में पहली बार वीवीपैट मशीन का उपयोग किया गया है। आयोग के निर्देशानुसार हर विधानसभा की एक-एक वीवीपैट मशीन की पर्चियों का मिलान ईवीएम के वोट से किया जाएगा। पारदर्शिता और बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

पहली बार ईटीपीबी

पहली बार इस चुनाव में ईटीपीबी (इलेक्ट्रोनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट) शामिल किए गए हैं। इनमें पांच क्यूआर कोड को डीकोड करके सर्विस वोटर का मतपत्र स्कैन किया जाएगा। इसमें दो से तीन मिनट का समय लगने की संभावना है।

सामने है ये चुनौती: ईटीपीबी का क्यूआर कोड एक बार ही स्कैन किया जाएगा। एक बार में स्कैन नहीं हुआ तो दोबारा की प्रोसेस मुश्किल है। ग्वालियर जिले में कुल चार हजार से ज्यादा सर्विस वोट हैं। इन वोटों को सुरक्षित डीकोड करना आसान काम नहीं है

पोस्टल बैलेट की गिनती 

इस बार ये है नया: इस बार पोस्टल बैलेट पर निर्वाचन आयोग का खास फोकस रहा है। चुनाव डयूटी में लगे अधिकारी-कर्मचारी कोई मतदान से छूट न जाएं, इस कारण इस बार विशेष प्रयास किए गए हैं। सुरक्षा बलों ने भी इस बार वोटिंग में पहले की तुलना से बहुत ज्यादा भाग लिया है।

चुनौती: मतगणना की शुरुआत पोस्टल बैलेट से की जाती है। वहीं मतगणना के कुल राउंड से सेकंड लास्ट राउंड को पोस्टल बैलेट पूरे होने तक रोक दिया जाएगा। इस बार पोस्टल बैलेट की संख्या पहले की तुलना में ज्यादा ही रहेगी।

मॉक पोल से भी बढ़ी परेशानी

नया: इस बार वीवीपैट मशीन चुनाव में शामिल होने के कारण मतदान के दिन मतदान शुरू होने से पहले 50-50 मॉक वोट कराए गए थे। वहीं वीवीपैट की पर्चियों की टेस्टिंग के लिए सात वोट कराए गए थे। सभी पीठासीन अधिकारियों ने इस बार यह प्रक्रिया फॉलो की है।

मतदान में मॉक वोट भी जुड़ गए हैं

चुनौती: जिले में कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम का क्लियर बटन दबाए बिना ही पीठासीन अधिकारियों ने मतदान शुरू करा दिया। इस कारण मतदान में मॉक वोट भी जुड़े हुए हैं, जिन्हें मतगणना के दिन हटाया जाएगा। इसको लेकर प्रत्याशी आपत्ति भी दर्ज करा चुके हैं।


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