MP Election 2018: धार में पूर्व विधायक के निष्कासन के बाद बने नए समीकरण
Madhya Pradesh Elections 2018: संगठन ने पूर्व विधायक और जिले के सहकारी नेता मोहनसिंह बुंदेला को निष्कासित कर दिया।
धार, नईदुनिया प्रतिनिधि। धार जिले में मुश्किल से पटरी पर आई कांग्रेस की राजनीति में फिर उफान आ गया है। संगठन ने पूर्व विधायक और जिले के सहकारी नेता मोहनसिंह बुंदेला को निष्कासित कर दिया। इसके बाद कांग्रेस फिर से दो धड़ो में बंटती नजर आ रही है। मतदान के 5 दिन पहले हुई इस कार्रवाई से कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर आ गई है। धार विधानसभा के साथ ही जिले की 6 अन्य विधानसभाओं पर भी इसका असर होने की चिंता स्थानीय नेताओं को सताने लगी है।
फरवरी में जिले में नगरीय निकाय चुनाव हुए थे। उस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बुंदेला और गौतम गुट को एकजुट करने में सफलता हासिल की थी। इस चुनाव के दौरान गौतम गुट के नेता व जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष कु लदीपसिंह बुंदेला पहली बार गौतम के सिल्वर हिल स्थित कार्यालय पहुंचे थे और एकजुटता पर सहमति दी थी। दरअसल सहकारिता नेता मोहनसिंह बुंदेला के भांजे पर्वतसिंह चौहान को ही धार नगर पालिका से अध्यक्ष पद का टिकट दिया गया था। ऐसे में दोनों ही गुट एकजुट हुए और उसका नतीजा यह रहा कि कांग्रेस लंबे समय बाद नगरीय निकाय के चुनाव में जीत हासिल कर पाई। इस जीत के बाद यह लग रहा था कि दोनों ही गुट एकजुट होंगे।
लेकिन विधानसभा चुनाव में फिर एक बार गुटबाजी उभरकर सामने आई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नजदीक होने के कारण कुलदीपसिंह को यह उम्मीद थी कि धार विधानसभा से उनको टिकट मिलना तय है। लेकिन जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम अपनी पत्नी प्रभादेवी गौतम के लिए टिकट ले आए। ऐसे में परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कुलदीपसिंह ने अपना नामांकन भी भर दिया था। वरिष्ठ नेताओं की समझाइश पर नाम तो वापस ले लिया लेकिन दोनों गुटों के बीच खींचतान जारी रही। 15 नवंबर से कुलदीप बुंदेला राऊ क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इसी बीच पूर्व विधायक मोहनसिंह बुंदेला को पार्टी ने निष्कासित कर दिया।
जिले की राजनीति में लंबे समय से चल रही खींचतान
कांग्रेस की राजनीति में दोनों ही गुटों के बीच कभी जिलाध्यक्ष पद के लिए तो कभी टिकट के लिए खींचतान चलती रही है। गत चुनाव में भी बुंदेला को पार्टी से निष्कासित कि या गया था। विधानसभा चुनाव के कुछ माह पूर्व ही पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने सहकारिता विभाग में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इधर इस बारे में जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकंदसिंह गौतम का कहना है कि जो पर्यवेक्षक आए हुए है, वे ही इस बारे में गतिविधि देख कर कार्रवाई कर रहे है। हमारी तरफ से कोई भी कदम नहीं उठाए गए है।