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MP Election 2018 : ताप्ती का पानी और बुनकरों का पसीना तय करेगा किसे मिलेगी जीत

Madhya Pradesh Elections 2018: हर बार की तरह इस बार भी बुरहानपुर में ताप्ती का पानी, पावरलूम बुनकर, किसान और उद्योग ही चुनावी मुद्दा है।

By Prashant PandeyEdited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 03:00 PM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 03:00 PM (IST)
MP Election 2018 : ताप्ती का पानी और बुनकरों का पसीना तय करेगा किसे मिलेगी जीत
MP Election 2018 : ताप्ती का पानी और बुनकरों का पसीना तय करेगा किसे मिलेगी जीत

बुरहानपुर, युवराज गुप्ता। सूर्य पुत्री ताप्ती के तट पर बसा होने के बाद भी बुरहानपुर शहर अब तक प्यासा है। यहां के बाशिंदों को पेयजल के लिए नदी की एक बूंद तक नसीब नहीं है। लंबे समय से यहां के बाशिंदों को पानी देने का मुद्दा चुनावों में उठता रहा है लेकिन प्रत्याशी जीतने के बाद न तो पलटकर नदी के पानी को देखते हैं और न ही यहां के दुर्दशा का शिकार घाटों को। बुरहानपुर की लाखों की आबादी ट्यूबवेल के पानी पर आश्रित है। वह भी गर्मियों में दम तोड़ देता है। 48-49 डिग्री वाले तापमान में पानी के लिए यहां हर वर्ष हाहाकार मचता है।

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हर बार की तरह इस बार भी बुरहानपुर में ताप्ती का पानी, पावरलूम बुनकर, किसान और उद्योग ही चुनावी मुद्दा है। ताप्ती के पानी को लेकर करीब 150 करोड़ की जलावर्धन योजना सहित हजारों करोड़ की ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना पर भी काम व प्रक्रिया जारी है लेकिन ताप्ती का पानी कब तक लोगों के घरों में पहुंचेगा, इसकी गारंटी कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं दे पा रहा है। भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में इसका जिक्र जरूर है।

प्रत्याशी लगा रहे एड़ी-चोटी का जोर

बुरहानपुर के मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा-कांग्रेस सहित निर्दलीय प्रत्याशी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी अर्चना चिटनीस, कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र महाजन एवं निर्दलीय प्रत्याशी सुरेंद्रसिंह ठाकुर के बीच यहां रोचक त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है।

चुनावी मैदान से सोशल मीडिया तक जमकर हो रहा प्रचार

भाजपा-कांग्रेस व निर्दलीय प्रत्याशियों का प्रचार-प्रसार मैदान से सोशल मीडिया तक जमकर हो रहा है। जनसंपर्क सहित चुनावी सभाओं का लाइव कवरेज सीधे फे सबुक व अन्य सोशल साइट्स पर दिखाया जा रहा है। हजारों लाइक्स व कमेंट्स पास हो रहे हैं। वहीं तीनों ही प्रत्याशियों ने अब तक जिले के 100 से अधिक गांवों में लगातार जनसंपर्क कर लिया है। मैदान पर डटे उम्मीदवारों की रातों की नींद उड़ी हुई है। चार से पांच घंटे ही सो पा रहे हैं। सुबह 8 बजे से देर रात तक प्रचार जारी है। शहर से लेकर गांव तक जनसंपर्क के दौरान ही खाना-पीना सब प्रचार में ही हो पा रहा है। प्रत्याशी अपने घर परिवार में भी नहीं पहुंच पा रहे हैं।

विधानसभा पर एक नजर

- कुल मतदाता - 2,83,602

- पुरुष मतदाता - 1,46,129

- महिला मतदाता - 1,35,456

- अन्य मतदाता - 17

अब तक के राजनीतिक चुनावी इतिहास पर एक नजर...

वर्ष- जीते- हारे

1951 - अब्दुल कादर, कांग्रेस - फकीरचंद कपूर, पीएसपी

1957 - अब्दुल कादर, कांग्रेस - फकीरचंद कपूर, पीएसपी

1962 - अब्दुल कादर, कांग्रेस - परमानंद ठाकुरदास जनसंघ

1967 - परमानंद गोविंदजीवाला, जनसंघ - मोहम्मद हारुन, कांग्रेस

1972 - ब्रजमोहन मिश्र, जनसंघ - नूर अली, कांग्रेस

1977 - शिवकुमार सिंह, कांग्रेस - जिया उल हक, जेएनसी

1980 - मोहम्मद हारुन, कांग्रेस - मोहम्मद अख्तर, भाजपा

1985 - फिरोजा अली, कांग्रेस - पुरुषोत्तम मुजुमदार, भाजपा

1990 - शिवकुमार सिंह, जद - पूनमचंद्र, निर्दलीय

1993 - उमेश मुनि, निर्दलीय - अमृतलाल तारवाला, भाजपा

1998 - शिवकुमारसिंह निर्दलीय - हमीद काजी, कांग्रेस

1999 - मंजूश्री ठाकुर, कांग्रेस - अब्दुल रब, निर्दलीय

2003 - हमीद काजी, एनसीपी - कैलाश पारीक, भाजपा

2008 - अर्चना चिटनीस, भाजपा - हमीद काजी, एनसीपी

2013 - अर्चना चिटनीस, भाजपा - अजयसिंह रघुवंशी, कांग्रेस 


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