MP में 70 फीसदी को रोजगार देने पर ही उद्योगों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि : कमलनाथ
उद्योगों में 70 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देने के फैसले के लिए निवेश प्रोत्साहन नीति में बदलाव होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही कमलनाथ एक्शन मोड में आ गए। वे शपथ लेकर सीधे मंत्रालय पहुंचे और किसानों की कर्ज माफी की फाइल पर सबसे पहले हस्ताक्षर किए। कृषि विभाग ने इसके आदेश भी जारी कर दिए।
कर्ज माफी के दायरे में 31 मार्च 2018 तक के किसान आएंगे। इन पर बकाया दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा। वहीं भोपाल, इंदौर, छिंदवाड़ा और उज्जैन में गारमेंट पार्क स्थापित करने का भी फैसला लिया गया। कन्या विवाह योजना में अब 51 हजार रुपए दिए जाएंगे।
मंत्रालय पहुंचकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सबसे पहले कांग्रेस के उस वचन (कर्ज माफी) को निभाने का काम किया जो विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा था। कर्ज माफी कालातीत और नियमित कर्ज पर दो लाख रुपए की सीमा तक मिलेगी। इसके दायरे में राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों के किसान आएंगे।
इसको लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि जब बैंक बड़े उद्योगों का कर्ज माफ कर देते हैं तो किसान की कर्ज माफी से पेट में दर्द क्यों होता है। बैंक 40-50 प्रतिशत तक कर्ज माफ कर देते हैें। यह आंकड़े पब्लिक डोमेन में हैं। किसानों की कर्ज माफी में किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
इसके बाद निवेश प्रोत्साहन योजना में संशोधन की फाइल पर दस्तखत किए। इसके तहत अब प्रदेश में उन्हीं उद्योगों को निवेश प्रोत्साहन (सबसिडी या अन्य सहूलियत) का लाभ मिलेगा, जिसमें 70 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को मिले। अभी उद्योगों में बिहार, उत्तर प्रदेश सहित दूसरे प्रदेशों के लोग आ जाते हैं। उन्होंने मीडिया से चर्चा में साफ किया कि मैं उत्तर प्रदेश या बिहार के लोगों की आलोचना नहीं कर रहा हूं पर स्थानीय स्तर पर लोगों को काम मिलना चाहिए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश में चार गारमेंट पार्क स्थापित करने की फाइल पर भी दस्तखत किए। ये पार्क भोपाल के अचारपुरा, इंदौर के मोहना, छिंदवाड़ा के लहगडुआ और उज्जैन के जावरा में खुलेंगे। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के मौके मिलेंगे। कमलनाथ ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद अपनी जगह है पर हमें आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देना होगा। पार्टी ने चुनाव के दौरान कन्या विवाह में आर्थिक सहायता 51 हजार रुपए करने का वादा किया था, जिस पर सोमवार को निर्णय ले लिया गया। अभी तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 25 हजार रुपए की सहायता दी जाती है।
आज तो मैं ही कैबिनेट हूं
उद्योगों में 70 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देने के फैसले के लिए निवेश प्रोत्साहन नीति में बदलाव होगा। इसको लेकर जब मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इससे जुड़ी फाइल पर ही हस्ताक्षर किए हैं। आज तो मैं ही कैबिनेट हूं। मंत्रिमंडल के आकार और पैमाने पर उन्होंने कहा कि इस पर अभी तक विचार नहीं किया है। कल से विचार करेंगे।
संसाधन के लिए नए उपाय खोजे जाएंगे
मुख्यमंत्री से जब यह पूछा गया कि वादों को पूरा करने के लिए क्या जनता पर अतिरिक्त कर का बोझ डाला जाएगा तो उन्होंने कहा कि संसाधन की पूर्ति के लिए नए उपाय खोजे जाएंगे। पूर्ववर्ती सरकार ने भी स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने खजाना खाली कर दिया है।
संघ की शाखा सरकारी परिसर में नहीं लगेगी
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के वचन पत्र में संघ की शाखा सरकारी परिसर में लगाने पर प्रतिबंध और सरकारी कर्मचारियों को हिस्सा लेने की छूट खत्म करने के सवाल पर कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। केंद्र सरकार के जो नियम हैं, वो सबके सामने हैं। गुजरात में भी यही लागू है।
सिख दंगे मामले में मेरे खिलाफ केस नहीं
1984 के सिख विरोधी दंगे को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को निशाने पर लिया। इसको लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने आज शपथ ली है। 1991 में भी शपथ ली थी और बाद में भी। तब किसी ने कुछ नहीं कहा। केस मेरे खिलाफ नहीं है और चार्जशीट में भी नहीं है। दिल्ली का प्रभारी भी रहा पर आज बात उठाने लगे हैं।
मंत्रालय एनेक्सी का किया लोकार्पण
मंत्रालय में बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रालय एनेक्सी का लोकार्पण किया। इस दौरान कर्मचारियों का अभिवादन भी किया। इसके पहले मंत्रालय अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक की अगुआई में संघ ने मंत्रालय आगमन पर कमलनाथ का परंपरानुसार स्वागत किया।
Madhya Pradesh CM Kamal Nath: Our schemes of providing incentives of investment will only be imposed after 70% people from Madhya Pradesh get employment. People from other states like Bihar, Uttar Pradesh come here & local people don't get jobs. I have signed file for this pic.twitter.com/qjORqyBuFc— ANI (@ANI) 17 December 2018
Kamal Nath on 1984 Anti-Sikh riots: I took oath in 1991 & several times after that, no one said anything. There is no case,FIR,or chargesheet against me. Today they are raking up this matter. You can understand politics behind this. Did eyewitness tell you(about his involvement)? pic.twitter.com/506LqcBD4I — ANI (@ANI) 17 December 2018
Madhya Pradesh CM Kamal Nath: After joining this post (of Chief Minister), the first file I have signed is of farm loan waiver of Rs 2 lakh each, as I had promised to the farmers pic.twitter.com/E7Goc2T425— ANI (@ANI) 17 December 2018