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MP : बार-बार हुई जांच, हर बार निकली गड़बड़ी, फिर भी शुद्ध नहीं मतदाता सूची

मतदाता सूची को लेकर पिछले एक साल से प्रदेश में विवाद चला रहा है।

By Prashant PandeyEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 09:53 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 09:53 AM (IST)
MP : बार-बार हुई जांच, हर बार निकली गड़बड़ी, फिर भी शुद्ध नहीं मतदाता सूची
MP : बार-बार हुई जांच, हर बार निकली गड़बड़ी, फिर भी शुद्ध नहीं मतदाता सूची

भोपाल। चंद दिनों बाद मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिले का काम शुरू हो जाएगा, लेकिन मतदाता सूची अब तक पूरी तरह शुद्ध नहीं हो पाई है। भिंड और सतना में गड़बड़ी के चलते कलेक्टरों पर कार्रवाई हो चुकी है। एक तहसीलदार निलंबित हो चुका है।

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भोपाल की नरेला विधानसभा में एक हजार से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाने की कार्रवाई चल रही है। पूरे प्रदेश से 24 हजार से ज्यादा नामों में संशोधन या हटाने के प्रस्ताव मिले हैं। यह स्थिति तब है, जब कलेक्टरों से मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के पहले प्रमाण पत्र लिए गए थे।

मतदाता सूची को लेकर पिछले एक साल से प्रदेश में विवाद चला रहा है। कांग्रेस ने जब मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं के नाम होने का मुद्दा उठाया तो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने 34 जिलों में जांच कराकर 14 लाख से ज्यादा अपात्र (अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और दो जगह नाम) मतदाताओं के नाम सूची से हटाए।

इसके बाद एक करोड़ 11 लाख घरों में सर्वे कराया गया। इसमें करीब 24 लाख नाम हटाए गए। इसके बाद नाम जोड़ने और हटाने के लिए आवेदन करने की तारीख बढ़ी तो एक बार फिर सूची से नाम हटवाने के लिए आवेदन मिले। इसे मिलाकर एक साल में 35 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए।

अंतिम प्रकाशन से पहले कलेक्टरों से मतदाता सूची के त्रुटिरहित होने का प्रमाण पत्र लिया गया। इसके बाद भी गड़बड़ी सामने आने का सिलसिला नहीं थमा। कांग्रेस ने भोपाल की नरेला विधानसभा की सूची की पड़ताल करके दो हजार से ज्यादा नामों में गड़बड़ी पकड़कर शिकायत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में की।

जांच में शिकायत काफी हद तक प्रमाणित पाई गई। इसी तरह भिंड की लहार विधानसभा की मतदाता सूची में उत्तरप्रदेश के लोगों के नाम जोड़ने की प्रमाणित शिकायत विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने की तो सतना की अमरपाटन सीट की सूची में 73 नाम बिना आवेदन जोड़ दिए। जांच में यह बात प्रमाणित निकली तो एक नायक तहसीलदार को निलंबित कर दिया। दोनों जिलों के कलेक्टरों को हटाए जाने के पीछे मुख्य वजह मतदाता सूची की गड़बड़ी ही बताई जा रही है।

आवेदन पर नहीं कटेगा कोई नाम

27 सिंतबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के बाद कोई नाम आवेदन पर नहीं काटा जाएगा। सिर्फ डाटा एंट्री की वजह से सूची में जो दो जगह नाम या कोई अन्य गड़बड़ी है तो उसे ही सुधारा जाएगा। इसके लिए 24 हजार से ज्यादा प्रस्ताव जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को मिले हैं। इनका मिलान मतदाता सूची से कराया जा रहा है। उधर, नाम जोड़ने का काम नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने तक चलता रहेगा।

14 नवंबर को आएगी पूरक सूची

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि मतदाता सूची में सुधार लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। सबसे पहले हमने मृत, स्थानांतरित और अनुपस्थित मतदाताओं के नाम हटाने का काम किया। इसके बाद नव मतदाता के साथ दूसरे प्रदेशों से आए लोगों की जांच पड़ताल करके नाम जोड़ने का काम किया।

इसे काटने और जोड़ने की प्रक्रिया (डाटा एंट्री) में जो त्रुटि रह गई थी, उसे दुरुस्त करने का काम चल रहा है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 14 नवंबर को पूरक सूची घोषित की जाएगी। हमारा प्रयास है कि चुनाव पूरी तरह से शुद्ध मतदाता सूची से हो।


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