विशाखापटनम आन्ध्र प्रदेश का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। इस लोकसभा के अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं। यह क्षेत्र गोदावरी नदी के मुहाने पर स्थित है। यहां भारत का चौथा बड़ा बंदरगाह है। यह विशाखापटनम जिले का मुख्यालय तथा भारतीय नौसेना के पूर्वी कमांड का केन्द्र भी है। यहां समुद्री जहाज बनाने का कारखाना है। यहां मछली का व्यापार का बड़ा केंद्र भी है। यह क्षेत्र प्राचीन बौद्ध विरासत को समेटे है। यहां कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। यहां के शैक्षिक संस्थानों में आंध्र विश्वविद्यालय प्रमुख है। आंध्र मेडिकल कॉलेज, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ऐंड मैनेजमेंट समेत कई बड़े शैक्षिक संस्थान भी यहीं हैं।
एमवीवी सत्यनाराय़ण
वाईएसआरसीपी2019
दग्गुबाती पुरंदरेश्वरी
कांग्रेस2009
जनार्दन रेड्डी ने नैदुरामली
कांग्रेस2004
एम वी वी एस मूर्ति
टीडीपी1999
सुब्बारामी रेड्डी टी
कांग्रेस1998
टी सुब्बारामी रेड्डी
कांग्रेस1996
एम वी वी एस मूर्ति
टीडीपी1991
उमा गजपति राजू पूसापति
कांग्रेस1989
भट्टम श्रीराम मूर्ति
टीडीपी1984
अप्पलास्वामी कोम्मुरू
कांग्रेस1980
डी सत्यनारायण
कांग्रेस1977
पी वी जी राजू
निर्दलीय1971
टी विश्वनातम
निर्दलीय1967
विजया आनंदा
कांग्रेस1962
पुष्पति विजयराम गजपति राजू
निर्दलीय1957
लंका सुंदरम
निर्दलीय1952
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान