सूरत गुजरात का एक शहर है। यह शहर सूरत जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। तापी नदी सूरत शहर के मध्य से होकर गुजरती है। सूरत मुख्यत: कपड़ा उद्योग और डायमंड कटिंग और पोलिशिंग के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए इस शहर को सिल्क सिटी और डायमंड सिटी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि आधुनिक सूरत शहर की स्थापना पंद्रहवी सदी के अंतिम सालों में हुई। 12वीं से 15वीं शताब्दी तक यह शहर मुस्लिम शासकों, पुर्तगालियों, मुगलों और मराठों के आक्रमणों का शिकार हुआ। यहां कपास, बाजरा, दलहन और चावल की अच्छी पैदावार है। यहां के सूती, रेशमी, किमख़्वाब (जरीदार कपड़ा) के कपड़े और सोने-चांदी की वस्तुएं प्रसिद्ध हैं।
दर्शना जरदोश
बीजेपी2019
श्रीमति दर्शना विक्रम जरदोश
बीजेपी2009
काशीराम राणा
बीजेपी2004
काशीराम राणा
बीजेपी1999
काशीराम राणा
बीजेपी1998
काशीराम राणा
बीजेपी1996
काशीराम राणा
बीजेपी1991
काशीराम राणा
बीजेपी1989
छगनभाई देवाभाई पटेल
कांग्रेस1984
छगनभाई देवभाई पटेल
कांग्रेस1980
देसाई मोरजानी रणछोड़जी
बीएलडी1977
मोरारजी रणछोड़जी देसााई
एनसीओ1971
एम आर देसाई
कांग्रेस1967
मोरारजी रणछोड़जी देसााई
कांग्रेस1962
देसाई मोरारजी रणछोड़ जी
कांग्रेस1957
कन्हैयालाल नानाभाई देसाई
कांग्रेस1952
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान