सीकर, राजस्थान का एक प्रमुख शहर है और 25 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक हैं। यह शहर शेखावाटी के नाम से जाना जाता है। इसके आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। 1952 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था। सीकर एक एतिहासिक शहर है जहां पर कई हवेलियां हैं जो कि मुख्य पर्यटक आकर्षण हैं। सीकर ज़िले के उत्तर में झुन्झुनू, उत्तर-पश्चिम में चूरू, दक्षिण-पश्चिम में नागौर और दक्षिण-पूर्व में जयपुर जिले की सीमाएं लगती हैं। यहां के कई ऐसे मंदिर हैं जहां रोज कई श्रद्धालु आते हैं। हर्षनाथ मंदिर, जीण माता मंदिर, सालासर बालाजी, श्री बालाजी मन्दिर। यहां कई प्रसिद्ध किले भी हैं जैसे सीकर किला, लक्ष्मणगढ़ किला, देवगढ़ किला, रामगढ़ किला, खंडेला बड़ा किला। दिल्ली से सीकर की दूरी 288.8 किलोमीटर है।
श्री सुमेधानंद सरस्वती
बीजेपी2019
महादेव सिंह
कांग्रेस2009
सुभाष मेहरिया
बीजेपी2004
सुभाष महरिया
बीजेपी1999
सुभाष महारिया
बीजेपी1998
हरि सिंह
कांग्रेस1996
बलराम
कांग्रेस1991
देवीलाल
जेडी1989
बलराम
कांग्रेस1984
कुंभ राम आर्य
जनता पार्टी एस1980
जगदीश प्रसाद माथुर
बीएलडी1977
श्रीकिशन
कांग्रेस1971
एस साबू
बीजेएस1967
रामेश्वरलाल तान्तिया
कांग्रेस1962
रामेश्वर तांत्या
कांग्रेस1957
नंद लाल
आरआरपी1952
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान