पेडापल्ले निर्वाचन क्षेत्र तेलंगाना राज्य के 17 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र जिले का मुख्यालय भी है। भारत का पहला आईएसओ 14001 प्रमाणित सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन यहीं है। इस क्षेत्र से गोदावरी नदी गुजरती है। यहां का कपास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित है। यह निर्वाचन क्षेत्र सीमेंट, कताई और चावल के कारखानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के प्रमुख धार्मिक स्थानों में श्री मल्लिकार्जुन स्वामी के मंदिर हैं। यहां के रामुनी गुंडालु, सब्बीथम जलप्रपात पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। राज्य की राजधानी हैदराबाद से पेडापल्ले की दूरी 244 किलोमीटर है, जबकि देश की राजधानी दिल्ली से इस क्षेत्र की दूरी करीब 1406 किलोमीटर है।
बी वेंकटेश नेठानी
टीआरएस2019
जी विवेकानंद
कांग्रेस2009
जी वेंकट स्वामी
कांग्रेस2004
डॉ श्रीमती सी सुगना कुमारी
टीडीपी1999
सी सुगुना कुमारी
टीडीपी1998
जी वेंकट स्वामी
कांग्रेस1996
जी वेंकट स्वामी
कांग्रेस1991
जी वेंकट स्वामी
कांग्रेस1989
गोटे भूपति
टीडीपी1984
के राजामल्लू
कांग्रेस1980
वी तुलसीराम
कांग्रेस1977
वी तुलसीराम
टीपीएस1971
एम आर कृष्णा
कांग्रेस1967
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान