उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारतीय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के 7 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र 2002 में गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद साल 2008 में अस्तित्व में आया। यहां पर पहली बार संसदीय सीट के लिए मतदान 2009 में हुए। इस संसदीय क्षेत्र में किराड़ी, बादली, सुल्तानपुर माजरा, मंगोलपुरी, नांगलोई, नरेला, बवाना, रिठाला, रोहिणी, मुंडका समेत दस विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस इलाके में करीब सवा सौ गांव हैं और दो सौ से अधिक अनाधिकृत कालोनियां हैं। मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी जैसी पुनर्वास कालोनी भी हैं, जिनकी आबादी ही पांच लाख से अधिक है। यहां के प्रमुख बाजारों में मंगोलपुर कलां का पत्थर बाजार और नरेला का कस्बाई बाजार शामिल हैं। नांगलोई, मंगोलपुरी भी थोक और फुटकर बाजार के लिए जाने जाते हैं। अवंतिका का बाजार भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहता है। इस इलाके में बवाना, मुंडका, नरेला प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र हैं।
हंस राज हंस
बीजेपी2019
कृष्णा तीरथ
कांग्रेस2009
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
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