तेलंगाना राज्य का निजामाबाद एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में यह निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आया। निजामाबाद को कालांतर में इंद्रपुरी के नाम से भी जाना जाता था। बाद में हैदराबाद के निजाम ने इस जगह को निजामाबाद नाम दिया। यह हैदराबाद से 175 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह शहर अपनी खूबसूरती और प्राचीन किलों के लिए मशहूर है। चंदूर की पहाड़ी पर स्थित सैयद सादुल्लाह हुसैनी की मज़ार पर मत्था टेकने के लिए भारी संख्या में लोग यहां आते हैं। देश की राजधानी नई दिल्ली से इस शहर की दूरी करीब 1418 किलोमीटर है। शिक्षा जगत में मशहूर तेलंगाना विश्वविद्यालय यहीं स्थित है।
श्री डी अरविंद
बीजेपी2019
मधु गौड यकशी
कांग्रेस2009
मधु गौड़ याक्षी
कांग्रेस2004
गंगा रेड्डी गद्दाम
टीडीपी1999
गंगारेड्डी गद्दम
टीडीपी1998
आत्माचरण रेड्डी
कांग्रेस1996
गड्डाम गंगा रेड्डी
टीडीपी1991
तदुरी बाला गौड
कांग्रेस1989
ताडुर बाला गौड़
कांग्रेस1984
एम रामगोपाल रेड्डी
कांग्रेस1980
मुदागंती राम गोपाल रेड्डी
कांग्रेस1977
राम गोपाल रेड्डी एम
कांग्रेस1971
एम एन रेड्डी
निर्दलीय1967
एच सी हेडा
कांग्रेस1962
हरीश चंद्र हेड़ा
कांग्रेस1957
हरिश चंद्र हेड़ा
कांग्रेस1952
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान