मेदक दक्षिण भारत में तेलंगाना राज्य के 17 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। पहले लोकसभा चुनाव 1952 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रत्याशी एनएम जयसूर्या ने यहां से जीत हासिल की थी। मेदक में देश का सबसे बड़ा नियोक्ता आयुध निर्माणी बोर्ड का आयुध कारखाना है। यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए उत्पादों का निर्माण करता है। यहां प्रसिद्ध पोचरम वन्यजीव अभयारण्य है। यहां स्थित मेदक का किला और चर्च लोकप्रिय स्थान हैं। यह लोकसभा क्षेत्र हैदराबाद से 94 किलोमीटर दूर है, जबकि देश की राजधानी दिल्ली से यह शहर करीब 1495 किलोमीटर दूर है।
के प्रभाकर रेड्डी
टीआरएस2019
एम विजया शांति
टीआरएस2009
ए नरेंद्र
टीआरएस2004
ए नरेंद्र
बीजेपी1999
एम बागा रेड्डी
कांग्रेस1998
एम बागा रेड्डी
कांग्रेस1996
एन बागा रेड्डी
कांग्रेस1991
बगारेड्डी एम
कांग्रेस1989
पी माणिक रेड्डी
टीडीपी1984
इंदिरा गांधी
कांग्रेस1980
मल्लिकार्जुन
कांग्रेस1977
मल्लिकार्जुन
टीपीएस1971
एस एल बाई
कांग्रेस1967
पी हनुमंता राव
कांग्रेस1962
पी हनमंथ राव
कांग्रेस1957
जयसूर्या
पीडीएफ1952
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान