महबूबाबाद तेलंगाना राज्य का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। 2002 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों पर 2008 में यह निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आया। महबूबाबाद में ही जिला मुख्यालय भी है। यह क्षेत्र कृष्णा नदी की सहायक नदी मुन्नारू के तट पर बसा है। इस क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति की आबादी सर्वाधिक है। महबूबाबाद को पहली बार 2011 में नगर पालिका का का दर्जा मिला। इस क्षेत्र की पहाड़ियों पर प्राचीन काल के चित्र मिलते हैं। इसके अलावा यहां कई मंजिला प्राचीन और धार्मिक महत्व रखने वाले मंदिर भी हैं। तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद से यह क्षेत्र 192 किलोमीटर दूर है, जबकि नई दिल्ली से इस क्षेत्र की दूरी 1604 किलोमीटर है।
एम कविता
टीआरएस2019
पी बलराम
कांग्रेस2009
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान