कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट 1977 अस्तित्व में आई। इससे पहले यह कैथल लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा रहा। यहां चार बार कांग्रेस, दो बार इनेलो, तीन बार जनता दल, एक बार हविपा और एक बार भाजपा ने जीत हासिल की। कुरुक्षेत्र जिला अम्बाला मंडल का एक भाग है। जिले का निर्माण 1973 में उस समय के करनाल जिले से अलग करके किया गया। बाद में जिले के कुछ भागों को कैथल और यमुनानगर जिलों के निर्माण के समय स्थानांतरित कर दिया गया। कुरुक्षेत्र जिले में तीन उपमंडलों का समावेश है: थानेसर, लाडवा व पिहोवा। थानेसर उपमंडल में दो तहसीलें- थानेसर और शाहबाद और दो उप-तहसील- लाडवा और बाबैन हैं। पिहोवा उप-खंड में पिहोवा तहसील और इस्माईलाबाद उप-तहसील शामिल हैं। इस जिले के महत्वपूर्ण नगर कुरुक्षेत्र, थानेसर और पिहोवा हैं। पंजाब सीमा पर स्थित होने के कारण यहां बड़ी संख्या में सिख आबादी भी है।
कौन-कब सांसद रहा?
1977-80 जनता पार्टी से रघुबीर सिंह विर्क
1980-84 जनता पार्टी से मनोहर लाल सैनी
1984-89 कांग्रेस से सरदार हरपाल सिंह
1989-91 जनता दल से गुरुदयाल सिंह सैनी
1991-96 कांग्रेस से तारा सिंह
1996-98 हरियाणा विकास पार्टी से ओपी जिंदल
1998-99 इनेलो से कैलाशो सैनी
1999-04 इनेलो से कैलोशो सैनी
2004-2009 कांग्रेस से नवीन जिंदल
2009-2014 कांग्रेस से नवीन जिंदल
2014 से - भाजपा से राजकुमार सैनी
विधानसभा क्षेत्र और वर्चस्व
इस लोकसभा क्षेत्र के तहत नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें रादौर, थानेसर, लाडवा, शाहाबाद, पिहोवा, कैथल, कलायत, पूंडरी और गुहला शामिल हैं। मौजूदा परिवेश में नौ में से पांच विधानसभा क्षेत्रों रादौर, थानेसर, लाडवा, शाहाबाद और गुहला में भाजपा का वर्चस्व है। कैथल में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला हेवी वेट हैं। पिहोवा में इनेलो और कांग्रेस का दबदबा रहा है। कैथल जिले के कलायत हलके में इनेलो और पूंडरी हलके में हमेशा निर्दलीय उम्मीदवार जीतते रहे हैं। पूंडरी के मौजूदा विधायक प्रो.दिनेश कौशिक निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गए हैं। अब वे करनाल सीट से लोकसभा की दावेदारी जता रहे हैं।
डेमोग्राफी और विकास
जिले का कुल क्षेत्रफल 1682.53 वर्ग किमी है। जिले की कुल जनसंख्या 964231 (2011 की जनगणना) है। कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में 11 लाख 68 हजार 405 मतदाता हैं। शिक्षा के क्षेत्र में पांच साल में कुरुक्षेत्र में खूब तरक्की की है। 100 करोड़ रुपये का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस मिला और एनआइडी की स्थापना हुई। लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा कैथल के कलायत और गुहला चीका में दो राजकीय कॉलेज मिले। पांच साल में सड़कों का खूब विकास हुआ। पेयजल और सीवरेज में अभी और काम करने की जरूरत है।
स्थानीय मुद्दे
यमुनानगर से कुरुक्षेत्र तक नई रेलवे लाइन की मांग कुरुक्षेत्र लोकसभा की काफी पुरानी मांग है। इस मांग को लेकर हर बार अक्सर चुनावों में दावे हुए हैं, लेकिन अभी तक यह मांग पूरी नहीं हो पाई है। यमुनानगर से कुरुक्षेत्र और कैथल तक राष्ट्रीय राजमार्ग को चार मार्गी करने का मुद्दा। इस सड़क पर वाहनों को भारी दबाव रहता है, जिस कारण हादसे होना आम है। इस पर कई जगह काम चल रहा है। अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। पर्यटन के क्षेत्र में कुरुक्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयास करना भी लोकसभा का चुनावी मुद्दा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से कुरुक्षेत्र को श्रीकृष्णा सर्किट में शामिल कर हर साल 100 करोड़ रुपये दिए जाने का प्रावधान कर दिया गया है। इसको लेकर कई बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। कुरुक्षेत्र को हवाई मार्ग से जोड़ना भी एक बड़ा मुद्दा रहा है। इसके लिए केंद्रीय टीम की ओर से पिछले दिनों लाडवा के पास गांव बीड़ सौंटी व गांव उमरी की जमीन का मुआयना किया गया है।
कुरुक्षेत्र की खास बातें
कुरुक्षेत्र, हरियाणा का एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह राज्य का एक प्रमुख जिला और उसका मुख्यालय है। यह हरियाणा के उत्तर में स्थित है और अम्बाला, यमुना नगर, करनाल और कैथल से घिरा हुआ है। यह दिल्ली और अमृतसर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलमार्ग पर स्थित है। इसका शहरी इलाका एक अन्य एतिहासिक स्थल थानेसर से मिला हुआ है। यह एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है। यह क्षेत्र बासमती चावल के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। दिल्ली से इसकी दूरी 171.2 किमी है।
नायब सिंह सैनी
बीजेपी2019
नवीन जिंदल
कांग्रेस2009
नवीन जिंदल
कांग्रेस2004
प्रोफेसर कैलाशो देवी
आईएनएलडी1999
कैलाशो देवी
एचएलडी आर1998
ओम प्रकाश जिंदल
एचवीपी1996
तारा सिंह
कांग्रेस1991
गुरदयाल सिंह सैनी
जेडी1989
हरपाल सिंह
कांग्रेस1984
मनोहर लाल
जनता पार्टी एस1980
रघबीर सिंह
बीएलडी1977
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान