कोटा, राजस्थान का एक प्रमुख औद्योगिक और शैक्षणिक शहर है। यह चम्बल नदी के तट पर बसा हुआ है। कोटा अपने किलों, महलों, संग्रहालयों, मंदिरों और बगीचों के लिए लोकप्रिय है। कोटा शहर में देश के हर कोने से बच्चे पढ़ाई करने आते हैं।कोटा अपने बागों के लिये भी प्रसिद्ध है। यहां के मॉल पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। कोटा को राजस्थान में शिक्षा नगरी के रूप में याद किया जाता है। कोटा राजस्थान का सबसे शिक्षित शहर है। दिल्ली से इसकी दूरी करीब 519.0 किलोमीटर है।
श्री ओम बिरला
राम नारायण मीणा
महेश कुमार रानीवाल
श्री ओम बिरला
बीजेपी2019
इज्याराज सिंह
कांग्रेस2009
रघुवीर सिंह कौशल
बीजेपी2004
रघुवीर सिंह कौशल
बीजेपी1999
राम नारायण मीणा
कांग्रेस1998
दाऊ दयाल जोशी
बीजेपी1996
दाउ दयाल जोशी
बीजेपी1991
दाऊ दयाल जोशी
बीजेपी1989
शान्ति कुमार धारीवाल
कांग्रेस1984
कृष्ण कुमार गोयल
जेएनपी1980
कृष्ण कुमार गोयल
बीएलडी1977
ओंकार लाल
बीजेएस1971
ओंकारलाल
बीजेएस1967
उंकार लाल
जेएसी1962
नेमि चंद्र कासलीवाल
कांग्रेस1957
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान