गुरुग्राम, हरियाणा के 10 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है। यह हरियाणा का छठा सबसे बड़ा शहर है। यह हरियाणा के 4 प्रमण्डलों में से भी एक है। गुडगांव हरियाणा का ओद्योगिक और वितीय केंद्र है। यह दिल्ली से 30 किलोमीटर दूर है। गुड़गांव का नाम हिन्दू ग्रंथो में भी मिलता है। गुड़गांव, गुरु द्रोणाचार्य का गांव है। यहीं पर गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों और कौरवों को शिक्षा दी थी। इसकी स्थापना 15 अगस्त 1979 ई. को की गई थी। यहां शीतला माता का मन्दिर बहुत प्रसिद्ध है। शीतला माता के मन्दिर के अलावा भी पर्यटक यहां पर कई पर्यटक स्थलों की सैर कर सकते हैं। गुरुग्राम में बीते कुछ वक्त में जबरदस्त औद्योगिकरण हुआ है। यहां पर कई इंटरनेशनल कम्पनियों के कारख़ाने स्थापित किए गए हैं। गुरुग्राम को आई.टी. सेक्टर का गढ़ भी कहा जाता है।
राव इंद्रजीत सिंह
बीजेपी2019
इन्द्रजीत सिंह
कांग्रेस2009
तैयब हुसैन
कांग्रेस1971
ए गनी
निर्दलीय1967
गजराज सिंह
कांग्रेस1962
मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद
कांग्रेस1957
ठाकर दास
कांग्रेस1952
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
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