दावणगेरे, कर्नाटक के 28 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है। इसकी स्थापना सन् 1977 में हुई थी। इस राज्य का यह 6ठा सबसे बड़ा शहर है। दावणगेरे, दावणगेरे जिले का मुख्यालय है। पीएम मोदी के स्मार्ट सिटी मिशन के 100 शहरों में से एक दावणगेरे भी है। दावणगेरे को कर्नाटक का दिल कहा जाता है। यहां 1977 में ही पहले लोकसभा चुनाव हुए थे जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोंडाजी बसप्पा वियजी रहे थे। दिल्ली से इस शहर की दूरी 2,123 किलोमीटर है।
श्री गौदर एम सिद्धेश्वरा
बीजेपी2019
जी एम सिद्धेश्वर
बीजेपी2009
जी एम सिद्धेश्वर
बीजेपी2004
जी मल्लिकार्जुनप्पा
बीजेपी1999
शमानुर शिव शंकराप्पा
कांग्रेस1998
जी मल्लिकार्जुनप्पा
बीजेपी1996
चन्नैय्या वाडेयार
कांग्रेस1991
चन्नैय्या वाडेयार
कांग्रेस1989
वाडेयार चेन्नै
कांग्रेस1984
टी वी चंद्रशेखरप्पा
कांग्रेस1980
कोंडाजी बसप्पा
कांग्रेस1977
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
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