बीदर कर्नाटक एक शहर और जिला है। इसके उत्तर में नांदेड़ और उस्मानाबाद, पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में उस्मानाबाद, दक्षिण में गुलबर्गा और पूर्व में मेदक जिले हैं। यहां ज्वार, गेहूं, धान, बाजरा, कपास और तिलहन की खेती की जाती है। हैदराबाद के चौथे निज़ाम नासिर-उद-दौला आसफ जाह चतुर्थ का जन्म इसी शहर में हुआ था। भारतीय वायु सेना का प्रशिक्षण केंद्र दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बीदर में ही है। इसके अलावा बीदर को बिदरी हैंडीक्राफ्ट के काम के लिए भी जाना जाता है। बीदर कर्नाटक का सबसे ठंडा और गर्म शहर भी है। पापंश शिव मंदिर, बीदर का किला, गुरू नानक झिरा यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। दिल्ली से बीदर की दूरी 1,581 किलोमीटर है।
श्री भगवंत खुबा
बीजेपी2019
एन धरम सिंह
कांग्रेस2009
रामचंद्र वीरप्पा
बीजेपी2004
रामचंद्र वीरप्पा
बीजेपी1999
रामचंद्र वीरप्पा
बीजेपी1998
रामचंद्र वीरप्पा
बीजेपी1996
रामचंद्र वीरप्पा
बीजेपी1991
नरसिंहराव सूर्य वंशी
कांग्रेस1989
नसिंग सुर्यवंशी
कांग्रेस1984
नरसिंग हुल्ला
कांग्रेस1980
शेखरदेव बालाजी राव
कांग्रेस1977
शंकर देव बालाजी राव
कांग्रेस1971
आर वीरप्पा
कांग्रेस1967
रामचंद्र वीरप्पा
कांग्रेस1962
शौकतुल्ला शाह अंसारी
कांग्रेस1952
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान