कर्नाटक में स्थित बागलकोट एक प्राचीन शहर है, जो अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह शहर बैंगलोर से 523 कि.मी की दूरी पर स्थित है। इस शहर का प्राचीन नाम बगाडिगे (bagadige) था। बागलकोट का इतिहास बताता है कि यहां कई शक्तिशाली दक्षिण शासकों का शासन रहा है, जिनमें विजयनगर साम्राज्य, पेशवा, मैसूर रियासत, मराठा और ब्रिटिश प्रमुख थे। जैन मंदिर, विरुपाक्ष मंदिर, बादामी गुफा, रावणपहाड़ी गुफा, पुरातत्व संग्रहालय यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
पार्वतगौड़ा सी गद्दीगौदर
बीजेपी2019
पी सी गड्डीगौडर
बीजेपी2009
गड्डीगौडर पी सी
बीजेपी2004
आर एस पाटिल
कांग्रेस1999
अजयकुमार साम्बसदाशिव सरनायक
एलएस1998
मेटी हुल्लाप्पा यामनप्पा
जेडी1996
सिड्डप्पा भीमप्पा नयामागौडर
कांग्रेस1991
पाटिल सुभाष तमन्नाप्पा
कांग्रेस1989
हनुमंता गौड़ भिमाना गौड़ पाटिल
कांग्रेस1984
वीरेंद्र पाटिल
कांग्रेस1980
पाटिल संगनगौड़ा बासनगौड़ा
कांग्रेस1977
संगनागौड़ा बासनागोड़ा पाटिल
कांग्रेस1971
एस बी पाटिल
कांग्रेस1967
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान