अमृतसर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पंजाब के 13 संसदीय क्षेत्रों में से एक है। अमृतसर पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र शहर है। सिखों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा स्वर्ण मंदिर यहीं है। स्वर्ण मंदिर अमृतसर का दिल माना जाता है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा नरसंहार अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुआ था। इसके बाद भारत पाकिस्तान के बीच जो बंटवारा हुआ उस समय भी अमृतसर में बड़ा हत्याकांड हुआ। अमृतसर लगभग साढ़े चार सौ वर्ष से अस्तित्व में है।
गुरजीत सिंह ओजला
कांग्रेस2019
नवजोत सिंह सिद्धू
बीजेपी2009
नवजोत सिंह सिद्धू
बीजेपी2004
रघुनंदन लाल भाटिया
कांग्रेस1999
दया सिंह सोढ़ी
बीजेपी1998
रघनंदन लाल भाटिया
कांग्रेस1996
रघुनंदन लाल भाटिया
कांग्रेस1991
कृपाल सिंह
निर्दलीय1989
रघुनंदन लाल भाटिया
कांग्रेस1984
रघुनंदन लाल
कांग्रेस1980
बलदेव प्रकाश
बीएलडी1977
दरोगा दास भाटिया
कांग्रेस1971
वाई डी शर्मा
बीजेएस1967
गुरमुख सिंह
कांग्रेस1962
गुरमुख सिंह मुसाफिर
कांग्रेस1957
गुरमुख सिंह मुसाफिर
कांग्रेस1952
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान