प्रयागराज प्रदेश का सर्वाधिक आबादी वाला जिला है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 59,54,390 है। जिले में जनसंख्या घनत्व 1,086 निवासी प्रति वर्ग किलोमीटर है। 2001-2011 के दशक में यहां जनसंख्या वृद्धि दर 20.6 प्रतिशत रही। लिंगानुपात 1000: 901 है। साक्षरता दर 72.3 प्रतिशत है। जिले में कुल12 विधानसभा सीटें हैं। यह फूलपुर और इलाहाबाद के अलावा भदोही संसदीय सीट का हिस्सा हैं।
इलाहाबाद संसदीय सीट ने देश को बड़ी राजनीतिक शख्सियतें दी हैं। देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, मुरली मनोहर जोशी, जनेश्वर जैसे राजनीतिक दिग्गज यहां से चुनाव जीते हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज को हराकर अमिताभ बच्चन भी यहां के सांसद रह चुके हैं। पहले सांसद श्रीप्रकाश स्वतंत्रता सेनानी थे और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उनके बाद लाल बहादुर शास्त्री 1957 में यहां से सांसद चुने गए। 1973 में भारतीय क्रांति दल के जनेश्वर मिश्रा को जनता ने चुना। 1984 में अमिताभ बच्चन कांग्रेस की टिकट पर सांसद बने। 1988 के उपचुनाव में वीपी सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते। 1998, 2004 और 2009 में मुरली मनोहर जोशी ने चुनाव जीता। 2004 में समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह यहां से सांसद रहे। 2014 में यह सीट भाजपा के खाते में गईं। वर्तमान में श्यामाचरण गुप्ता ही यहां से सांसद हैं। उन्होंने सपा के रेवती रमण सिंह को शिकस्त दी थी। मुरली मनोहर जोशी तीन बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। दो बार लाल बहादुर शास्त्री और दो बार कुंवर रेवतीरमण सिंह भी विजयी रहे हैं। वर्ष 1988 में हुए उपचुनाव में विश्वनाथ प्रताप सिंह ने कांग्रेस के सुनील शास्त्री को हराया था। बसपा संस्थापक कांशीराम तीसरे स्थान पर रहे थे।
विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी
इस लोकसभा क्षेत्र में मेजा, करछना, बारा, कोरांव, इलाहाबाद दक्षिणी शामिल है। चार सीटों पर भाजपा व करछना सीट पर सपा का कब्जा है। कुल मतदाता 1693447 हैं। 927964 पुरुष और 765288 महिला हैं।
विकास और स्थानीय मुद्दे
कुंभ की वजह से इस संसदीय क्षेत्र में भी काफी काम हुआ हैं। हाईकोर्ट, रामबाग व प्रयाग स्टेशन के पास फ्लाई ओवर का निर्माण, प्रमुख चौराहों का सौंदर्यीकरण व सड़कों का चौड़ीकरण प्रमुख है। बारा, कोरांव, मेजा, शंकरगढ़ में कृषि योग्य भूमि कम है। यह इलाका विकास की दौड़ में पिछड़ा है। पेयजल व सिंचाई साधन का अभाव गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी हमेशा से मुद्दा रहे हैं। वादे हुए पर बेमानी रहे। नैनी औद्योगिक क्षेत्र में मोदी सरकार बड़े उपक्रमों की स्थापना नहीं करा सकी। एचएएल की अनुषांगिक कंपनी यहां जरूर आईं। यही एक उपलब्धि रही है।
प्रयागराज की खास बातें
इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है। इसे 'तीर्थराज' (तीर्थों का राजा) भी कहते हैं। अब शहर का नाम प्रयागराज है। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी संगम में मिलती है। यहां हर 12 साल में कुंभ मेला लगता है। यहां प्रयागराज उच्च न्यायालय, उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय है। स्वरुप रानी नेहरु अस्पताल, मोतीलाल नेहरु अस्पताल, कमला नेहरु अस्पताल यहां के कुछ अस्पताल हैं। प्रयागराज किला, स्वराज भवन, रानी महल यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। हनुमान मंदिर, हनुमत निकेतन, सरस्वती कूप यहां के कुछ धार्मिक स्थल हैं। दिल्ली से प्रयागराज की दूरी 700.7 किलोमीटर है।
रीता बहुगुणा जोशी
बीजेपी2019
कुंवर रेवती रमण सिंह
सपा2009
कुंवर रेवती रमन सिंह उर्फ़ मणि जी
सपा2004
डॉ मुरली मनोहर जोशी
बीजेपी1999
डॉ मुरली मनोहर जोशी
बीजेपी1998
मुरली मनोहर जोशी
बीजेपी1996
सरोज दुबे
जेडी1991
जनेश्वर मिश्र
जेडी1989
अमिताभ बच्चन
कांग्रेस1984
विश्व नाथ प्रताप सिंह
कांग्रेस1980
जनेश्वर मिश्र
बीएलडी1977
हेमवती नंदन बहुगुणा
कांग्रेस1971
एच कृष्णा
कांग्रेस1967
लाल बहादुर शास्त्री
कांग्रेस1962
लाल बहादुर
कांग्रेस1957
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
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