आदिलाबाद तेलंगाना राज्य का एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। देवी सरस्वती का घर माना जाने वाला यह स्थान सिटी ऑफ कॉटन के नाम से भी प्रसिद्ध है। बहमनी सुल्तान आदिलशाह के नाम पर इस क्षेत्र को आदिलाबाद के नाम से जाना जाता है। यहां कई किले और ऐतिहासिक स्थल हैं। यहां के बसर इलाके का श्री ज्ञान सरस्वनती मंदिर धार्मिक रूप से बेहद प्रचलित है। शहर के बीचों बीच स्थित महात्मा गांधी उद्यान बेहद रमणीय स्थल है। इस निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। यहां चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई के लिए राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस (रिम्सा) है। राजधानी हैदराबाद से आदिलाबाद 318 किलोमीटर दूर है जबकि देश की राजधानी दिल्ली से इस क्षेत्र की दूरी करीब 1282 किलोमीटर है।
श्री सोयम बाबू राव
बीजेपी2019
रमेश राठौर
टीडीपी2009
मधुसुधन रेड्डी तक्कला
टीआरएस2004
डॉ एस वेणुगोपाल चारी
टीडीपी1999
डॉ एस वेणुगोपाल चारी
टीडीपी1998
एस वेनुगोपाल चारी
टीडीपी1996
अल्लोला इन्द्रकरण रेड्डी
टीडीपी1991
पी नरसा रेड्डी
कांग्रेस1989
सी माधव रेड्डी
टीडीपी1984
जी नरसिम्हा रेड्डी
कांग्रेस1980
जी नरसिम्हा रेड्डी
कांग्रेस1977
पी गंगा रेड्डी
कांग्रेस1971
पी जी रेड्डी
कांग्रेस1967
जी नारायण रेड्डी
कांग्रेस1962
के. अशांना
कांग्रेस1957
सी माधव रेड्डी
सोशलिस्ट पार्टी1952
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान