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मिशन 2019: सियासी दलों के एजेंडा में युवा, इस वोट बैंक पर सबकी नजर

बिहार में राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपना-अपना एजेंडा तय करना शुरू कर दिया है। एजेंडा में युवा वोट बैंक भी शामिल हैं। पढ़ें विश्‍लेषण करती यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 10:48 AM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 12:53 PM (IST)
मिशन 2019: सियासी दलों के एजेंडा में युवा, इस वोट बैंक पर सबकी नजर
मिशन 2019: सियासी दलों के एजेंडा में युवा, इस वोट बैंक पर सबकी नजर
पटना [सुनील राज]। लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने का वक्त नजदीक आता जा रहा है। ऐसे में राजनीतिक दल चुनावी समीकरण बनाने और हार जीत के गुणा-भाग में जुट गए हैं। दलों में भले ही गरीब सवर्ण के लिए 15 फीसद आरक्षण की मांग या एससी-एसटी एक्ट को पुराने रूप में लाने का श्रेय लेने की होड़ हो, लेकिन इनकी नजर इन मुद्दों के साथ ही युवा वोटरों पर भी है। युवाओं के सहारे ही सभी दल चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में हैं। 
चार लाख से अधिक युवा पहली बार डालेंगे वोट
चुनाव आयोग ने हाल में नए मतदाताओं के जो आंकड़े जारी किए हैं वे बताते हैं कि बिहार में 18-19 वर्ष के चार लाख से अधिक युवा मतदाता पहली बार अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे। इनके साथ ही 20-29 साल के करीब 7.10 लाख नए मतदाताओं ने भी मतदाता सूची में अपने नाम दर्ज कराएं हैं और ये भी इस मर्तबा वोट करेंगे।
जाहिर है तमाम राजनीतिक दलों की निगाहों में युवा वोटर अहम हैं।
नीतीश सरकार ने युवाओं की दी कई सौगात
अबतक के रुझान बताते हैं कि बिहार में युवा वोटर 2006 के बाद से नीतीश कुमार के प्रति झुकाव रखते हैं। अपने शासनकाल के प्रारंभ से ही नीतीश कुमार ने युवाओं पर विश्वास किया और उनके लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम बनाए। बीते विधानसभा चुनाव में विजय दर्ज करने के बाद उन्होंने युवाओं के लिए कई नए कार्यक्रम बनाए और उन्हें अमली जामा भी पहनाया। इनमें चार लाख रुपये तक की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, अनुसूचित जाति-जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए एक हजार रुपये की स्कॉलरशिप, हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए हर माह 15 किलो मुफ्त अनाज, संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग विद्यार्थियों के लिए एक लाख रुपये की प्रोत्साहन योजना और  बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर पचास हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि जैसी कई योजनाएं हैं।
कांग्रेस-राजद ने अपनाई ये रणनीति
लेकिन नीतीश कुमार के इस वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी हो गई है। एक ओर कांग्रेस आलाकमान ने बिहार युवा कांग्रेस के साथ ही एनएसयूआइ से जुड़े नेताओं-कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वह युवाओं के बीच जाएं और उन्हें मोदी-नीतीश सरकार के कार्यकाल की विफलताओं से अवगत कराएं। पार्टी ने अभी हाल ही में युवा महिला वोटरों में सेंधमारी के लिए मिर्ची स्प्रे, शक्ति एप के जरिए सीधे राहुल गांधी से बात जैसी योजनाएं लागू की हैं। खुद राहुल गांधी युवाओं की बेरोजगारी का मसला उठाकर सीधे मोदी-नीतीश पर हमलावर हो गए हैं। साथ ही प्रियंका गांधी को पार्टीका महासचिव बनाया है।
राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) की बात करें तो लालू प्रसाद यादव भले ही अध्‍यक्ष हों, उनकी अनुपस्थिति में कमान युवा तेजस्‍वी यादव के हाथों में ही है। राजद भी युवाओं को साधने के लिए कोशिश में लगी है।
इस वोट बैंक पर भाजपा की भी नजर
इधर, भाजपा भी चुप नहीं बैठी है। भाजपा ने मिशन 2019 के लिए पहली बार वोटर बने युवा मतदाताओं पर नजरें गड़ा दी हैं। पार्टी की तैयारी है कि पहले लोकसभा सीट के हिसाब से इन नए और युवा वोटरों के लिए सम्मेलन किए जाएं इसके बाद मंडलवार ऐसी बैठकें की जाएं। बाद में बूथ स्तर पर ऐसे युवाओं से संपर्क की तैयारी है। इधर भाजपा का युवा मोर्चा भी कमल क्लब के जरिए युवाओं को साधने की कोशिश में है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने युवाओं को केंद्र में रखकर 'मेक इन इंडिया' व 'स्किल इंडिया' जैसी कई योजनाओं को धरातल पर उतारा है।

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