Move to Jagran APP

UP में भाजपा को कौन दे रहा असली टक्‍कर; कांग्रेस या सपा-बसपा, पढ़िए पूरी खबर

मुस्लिम वोट बैंक पर वर्चस्व की जंग में कांग्रेस और सपा-बसपा के दिग्गज नेताओं में जुबानी जंग मायावती और अखिलेश के आरोपों का जवाब देने की कमान खुद राहुल और प्रियंका ने संभाली।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 10:06 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 08:57 AM (IST)
UP में भाजपा को कौन दे रहा असली टक्‍कर; कांग्रेस या सपा-बसपा, पढ़िए पूरी खबर
UP में भाजपा को कौन दे रहा असली टक्‍कर; कांग्रेस या सपा-बसपा, पढ़िए पूरी खबर

सद्गुरुशरण, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का करीब आधा सफर पूरा होते-होते कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन के बीच इस सवाल पर बेहद तल्ख और आक्रामक मुकाबला शुरू हो गया है कि भाजपा का वास्तविक प्रतिद्वंद्वी कौन है। यह कवायद मुस्लिम वोट बैंक को प्रभावित करने के लिए चल रही है। इस मुकाबले में मायावती और अखिलेश यादव के अलावा खुद राहुल और प्रियंका गांधी कूद चुके हैं। दोनों धड़े एकदूसरे पर भाजपा की मदद करने की तोहमत मढ़ रहे हैं। इससे स्वाभाविक रूप से भाजपा विरोधी मतदाताओं, खासकर मुसलमानों में भ्रम पैदा हो रहा है। भाजपा बाकी 41 सीटों के चुनाव में इसे अपने लिए फायदेमंद मान रही है।

loksabha election banner

प्रियंका वाड्रा पिछले दो-तीन दिन से यह सफाई दे रही हैं कि उनके प्रत्याशी सिर्फ भाजपा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह नौबत इसलिए आई क्योंकि मायावती और अखिलेश यादव ने यह आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि कांग्रेस के रणनीतिक उम्मीदवारों की वजह से भाजपा को फायदा पहुंच रहा है। यह साबित करना कठिन है कि यह कांग्रेस की रणनीति है या महज संयोग, बहरहाल इसमें दो राय नहीं कि कांग्रेस उम्मीदवारों की वजह से डेढ़-दो दर्जन सीटों पर भाजपा किसी हद तक फायदे की स्थिति में दिख रही है। जब सपा-बसपा नेताओं ने इस बात को तूल देना शुरू किया तो शुरू में नजरअंदाज करने के बाद प्रियंका को इस बारे में सफाई देनी पड़ी। आरोप- प्रत्यारोप के इस सिलसिले के अब चुनाव भर थमने के आसार नहीं हैं।

दरअसल, कांग्रेस उसी वक्त से खार खाए हुए है, जब उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा ने कांग्रेस को बाहर रखकर गठबंधन कर लिया था। सपा और बसपा नेता आरोप लगा रहे हैं कि गठबंधन में जगह न मिलने से जली-भुनी कांग्रेस ने उन सभी सीटों पर भाजपा को फायदा पहुंचाने वाले रणनीतिक प्रत्याशी खड़े कर दिए, जहां उसके अपने प्रत्याशियों के जीतने की दूर-दूर तक संभावना नहीं थी। भाजपा नेतृत्व भी परोछ रूप से स्वीकार करता है कि कांग्रेस ने जाने-अनजाने कई ऐसे प्रत्याशी उतारे हैं जो भाजपा से ज्यादा सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

कांग्रेस और सपा-बसपा के बीच जारी जुबानी जंग से भाजपा नेताओं के होठों पर मुस्कान लौटना स्वाभाविक है। दरअसल, कांग्रेस और सपा-बसपा, दोनों की रणनीति मुस्लिम वोट बैंक के रुख पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि मुसलमानों का समर्थन सीटवार उस उम्मीदवार को मिल रहा है जो भाजपा के साथ मुख्य मुकाबले में दिख रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव के शुरुआती चरणों में इस नजरिए से सपा-बसपा गठबंधन को बढ़त मिलने के संकेतों के बाद कांग्रेस का बेचैन और आक्रामक हो जाना स्वाभाविक है। सिर्फ उत्तर प्रदेश के चुनाव अभियान की बात करें तो पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस और सपा-बसपा, भाजपा के बजाय एक-दूसरे पर ही निशाना साध रहे हैं।

राहुल गांधी के इस वक्तव्य से मायावती और अखिलेश तिलमिला गए हैं कि ये दोनों नेता प्रधानमंत्री मोदी का विरोध नहीं कर सकते क्योंकि इनका कंट्रोल मोदी के पास है। राहुल का इशारा इन नेताओं के आय से अधिक संपत्ति और खनन घोटाला जैसे मामलों की ओर है, जिनकी जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। राहुल के इस आरोप पर मायावती और अखिलेश ने वैसी ही तल्खी के साथ जवाब देते हुए कांग्रेस अ‍ौर भाजपा को एक ही थैली का चट्टा-बट्टा करार दिया है।

पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर मुस्लिम वोट बैंक निर्णायक हैसियत रखता है यद्यपि यहां चुनाव हो चुका है। अब मध्य यूपी, पूर्वांचल और बुंदेलखंड में चुनाव बाकी है। यहां भी कई सीटों पर मुसलमान मतदाताओं की संख्या ठीक-ठाक है। इसी वोट बैंक को लुभाने के लिए कांग्रेस और सपा-बसपा के शीर्षस्थ नेता निम्नस्तरीय आरोप- प्रत्यारोप पर उतर आए हैं। कांग्रेस पर यह आरोप संभवत: पहली बार लग रहा है कि वह भाजपा को फायदा पहुंचा रही है। इससे तिलमिलाकर राहुल-प्रियंका भी मायावती और अखिलेश पर व्यक्तिगत लांछन लगा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा के विपक्षियों के बीच ऐसी जंग पहली बार दिख रही है। त्रिकोणीय मुकाबला यूं भी भाजपा के लिए राहतबख्श होता है। ऊपर से कांग्रेस और सपा-बसपा की आपसी जंग ने भाजपा नेतृत्व को कुछ पल सुस्ताने का मौका दे दिया है।

खतरों से खेलना हमें आता है...

सांपों से खेलतीं प्रियंका... यह वाला काटता है क्या?

कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा गुरुवार को मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में थीं। दिनभर लोगों से मिलते-जुलते नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करती रहीं। दोपहर बाद गेस्ट हाउस से जब वह निकलीं तो सबसे पहले हंसा का पुरवा गांव पहुंचीं। जहां बड़ी संख्या में सपेरे भी रहते हैं। कुछ सपेरों से प्रियंका ने बातचीत भी की। इसी बीच वह एक सपोले को हाथ में लेने लगीं तो पीछे खड़े सांसद प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा व भीड़ ने थोड़ा सावधान रहने का इशारा किया और सपेरे को सतर्क रहने को कहा। इस पर प्रियंका ने कहा ‘आप लोग क्यों गुस्सा करते हो। यह कुछ नहीं करेंगे।’ फिर उन्होंने एक दूसरे सांप को हाथ से उठाया और सपेरे से पूछा कि ‘यह वाला काटता है क्या?’ उसने जवाब दिया- नहीं यह काट नहीं सकते। फिर सपेरे ने कोबरा सांप दिखाया। प्रियंका ने उसको भी देखा। इधर, सांप को छूने पर एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने जिला प्रशासन को शिकायत भेज दी। प्रशासन ने कहा कि यह एच-टू का केस है, जांच की जा रही है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.