Lok Sabha Election 2019: जानिए, क्या हुआ था जब मुलायम ने चंद्रशेखर के साथ बलिया में किया था मंच साझा
प्रधानमंत्री के मंच पर रहते सूबे के मुख्यमंत्री का इस तरह चले जाना कई दिनों तक चर्चा में बना रहा।
जगदीश यादव, नई दिल्ली। वर्ष 1991 में बलिया पुलिस लाइन मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करने बलिया (उप्र) के सांसद और देश के प्रधानमंत्री चंद्रशेखर अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साथ मंच पर पहुंचे। कुछ माह पूर्व पिछड़े वर्ग को नौकरी में आरक्षण देने को मंडल आयोग की सिफारिशें संसद में पारित किए जाने से नाराज युवाओं ने मुलायम के विरोध में नारे लगाने शुरू कर दिए। काले झंडे दिखाए जाने लगे। यहां तक कि छोटे पत्थर तक दागे गए।
प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने बहुत संभालने का प्रयास किया, लेकिन विरोध पर आमादा युवकों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं पड़ रहा था। चंद्रशेखर के अनुरोध को बेअसर होता देख मुख्यमंत्री मुलायम ने माइक संभाला और मंच से अपील की। वे पहले तो लोगों से शांत रहने की अपील करते रहे, लेकिन हंगामा बढ़ता गया।
मुलायम सिंह को दो-चार पत्थर भी लगे। बस फिर जो मंजर हुआ, वह देखने वाला था। इस हाईप्रोफाइल ड्रामे के बीच ऐसा लग रहा था मानो मामला मुलायम बनाम चंद्रशेखर का हो गया हो। एक ओर जहां आरक्षण विरोधी थे वहीं आरक्षण समर्थक भी।
समर्थकों की ओर से मुलायम सिंह से अपील की जाने लगी कि चंद्रशेखर के साथ मंच साझा न करें। नारे लगाने लगे वापस जाओ..। शोर तेज होता देख मुख्यमंत्री मुलायम का माथा जमकर ठनक गया।
मंच से मुलायम बोले, ऐसे काले झंडे मैने जिंदगी भर देखे और दिखाए हैं। अगर इशारा कर दूं तो इसी भीड़ में बैठे मेरे समर्थक तुम लोगों की मरम्मत करना शुरू कर देंगे..। लगाते रहो नारे.. मैं जा रहा हूं..। ऐसा कहकर मुलायम मंच से उतरकर अपनी गाड़ी से रवाना हो गए।
मंच पर बैठे प्रधानमंत्री चंद्रशेखर यह सब सुनते-देखते रह गए। प्रधानमंत्री के मंच पर रहते सूबे के मुख्यमंत्री का इस तरह चले जाना कई दिनों तक चर्चा में बना रहा।