Lok Sabha Election 2019 : कुंडा और बाबागंज विधान सभा सीटों के वोटर निभाएंगे अहम भूमिका
कुंडा और बाबागंज विधान सभा कौशांबी संसदीय क्षेत्र में ही आते हैं। लोक सभा के चुनाव में इन दोनों विस क्षेत्र के मतदाताओं की अहम भूमिका रहेगी।
प्रयागराज : कौशांबी संसदीय क्षेत्र में चुनावी शोर बढ़ चला है। चाय की दुकान हो अथवा बस या ट्रेन, कौन जीत रहा है, यही चर्चा में रहता है। संसदीय क्षेत्र के पांच विधानसभा सीटों में दो कुंडा और बाबागंज प्रतापगढ़ जिले में आते हैं। यहां के मतदाता किस तरफ जाएंगे, यही अनुमान लगाया जा रहा है। फिलहाल यहां के वोटर चुनाव में अहम योगदान देंगे।
मतदाताओं का मौन सभी प्रत्याशियों को परेशान कर रहा है
मंझनपुर, चायल व सिराथू विधानसभा क्षेत्र के वोटर दोनों विधानसभा क्षेत्रों की हवा का अनुमान भर लगा रहे हैं। परिसीमन के बाद 2008 में कौशांबी लोकसभा क्षेत्र में शामिल हुए कुंडा और बाबागंज के मतदाताओं का मौन सभी प्रत्याशियों को परेशान कर रहा है। कुंडा के 3.09 लाख व बाबागंज के 3.47 लाख वोटर इस बार चुनाव में निर्णायक भूमिका में नजर आ रहे हैं। रघुराज प्रताप (राजा भैया) के प्रभाव क्षेत्र के कारण और उनकी पार्टी के प्रत्याशी के चुनावी समर में पहली बार उतरने के कारण यह उत्सुकता कुछ ज्यादा ही है।
दोनों विधानसभा क्षेत्र के बाशिंदे प्रत्याशी नहीं बने
दिलचस्प यह भी है कि अब तक दोनों विधानसभा क्षेत्र के किसी बाशिंदे को इस संसदीय क्षेत्र में प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। कुंडा में 3.09 लाख व बाबागंज में 3.47 लाख वोटर हैं, जो इस बार के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। कौशांबी संसदीय से भाजपा के विनोद सोनकर ने 2014 में सपा के शैलेंद्र कुमार को 42 हजार 900 वोटों से मात दी थी। विनोद सोनकर को कुल तीन लाख 31 हजार 724 वोट मिले थे जबकि सपा के शैलेंद्र कुमार को दो लाख 88 हजार 824 वोट। बसपा के सुरेश कुमार पासी को दो लाख लाख एक हजार 322 वोट मिले थे। कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र कुमार को सिर्फ 31 हजार 905 पर संतोष करना पड़ा था।