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लोकसभा चुनाव: इन नक्सल क्षेत्रों में NOTA का असर, वोटरों को बूथ तक लाना भी चुनौती

गत लोकसभा चुनाव के दौरान गया औरंगाबाद और जमुई में नोटा ने असर दिखाया था। वहां मतदान भी कम हुआ था। आगामी चुनाव के दौरान भी वहां वोटरों को बूथ तक लाना बड़ी चुनौती है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 06:18 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 06:18 PM (IST)
लोकसभा चुनाव: इन नक्सल क्षेत्रों में NOTA का असर, वोटरों को बूथ तक लाना भी चुनौती
लोकसभा चुनाव: इन नक्सल क्षेत्रों में NOTA का असर, वोटरों को बूथ तक लाना भी चुनौती

पटना [भुवनेश्वर वात्स्यायन]। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्ट डिवीजन ने पिछले वर्ष अप्रैल में अपनी बैठक में बिहार के चार जिलों गया, औरंगाबाद, जमुई और लखीसराय को सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में शामिल किया था। इस बार आम चुनाव के पहले चरण में बिहार के जिन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होने हैं, उनमें ऊपर के तीन नक्सल प्रभावित जिले गया, औरंगाबाद और जमुई शामिल हैं। खास बात यह है कि इन जिलों में पिछले लोकसभा चुनाव (2014) में नोटा (कोई भी पसंद नहीं) ने भी अपना असर दिखाया था। मतदान का फीसद भी 50 से 53 के बीच ही रहा था। इस बार भी वोटरों को बूथ तक लाना बड़ी चुनौती है।

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गया: 2.36 फीसद ने दबाया था नोटा का बटन

आम चुनाव 2014 में गया में 2.36 फीसद वोटरों ने नोटा का बटन दबाया था। यह संख्या 19030 थी। पिछले आम चुनाव में वहां कुल 53.90 फीसद मतदान हुआ था। वैसे, चुनाव जीते और दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी के वोटों में काफी बड़ा अंतर था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हरि मांझी 326231 वोटों के साथ जीते थे। दूसरे नंबर पर 210726 वोटों के साथ राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) के रामजी मांझी थे। उस चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रत्‍याशी रहे जीतनराम मांझी 1,31,828 वोटों के साथ नंबर तीन स्‍थान पर रहे थे।

औरंगाबाद: 17454 वोटरों को पसंद नहीं आया था कोई प्रत्‍याशी

नक्सल प्रभावित औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में 2014 के आम चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि वहां 2.22 फीसद वोटरों ने नोटा का बटन दबाया था। यह संख्या 17,454 थी। औरंगाबाद में भी मतदान 60 फीसद तक भी नहीं पहुंचा था। वहां केवल 51.19 फीसद वोटिंग हुई थी।

औरंगाबाद की जंग में यह दिखा कि यहां पहले और दूसरे नंबर के प्रत्याशी के बीच मतों का अंतर गया की तुलना में कम था। चुनाव जीते भाजपा के सुशील सिंह को 3, 07941 वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्‍थान पर रहे कांग्रेस के निखिल कुमार को 2,41,594 वोट मिले थे। तीसरे स्‍थान पर रहे जदयू प्रत्याशी बागी कुमार वर्मा को 1,36,137 वोट मिले थे।

जमुई: केवल 50 फीसद रहा था मतदान

गत लोकसभा चुनाव में जमुई लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदान के 1.68 वोटरों ने नोटा बटन दबाया था। यह संख्या 15,420 थी। जमुई लोकसभा क्षेत्र में मतदान 50 फीसद से थोड़ा अधिक (50.01 फीसद) रहा था। जमुई में हार-जीत का अंतर 10 फीसद से अधिक था। इस सीट से विजयी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चिराग पासवान को 2,85,352 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे राजद के सुधांशु कुमार को 1,99,407 वोट मिले थे।


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