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Election 2019 : फतेहपुर संसदीय सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, 18.35 लाख वोटर करेंगे निर्णय

फतेहपुर में कांग्रेस भाजपा और गठबंधन के कई बड़े दिग्गज नेता रोड शो और चुनावी जनसभा करके अपने अपने प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बना चुके हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 03:38 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 03:38 PM (IST)
Election 2019 : फतेहपुर संसदीय सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, 18.35 लाख वोटर करेंगे निर्णय
Election 2019 : फतेहपुर संसदीय सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, 18.35 लाख वोटर करेंगे निर्णय
फतेहपुर, जेएनएन। फतेहपुर संसदीय सीट पर कांग्रेस, भाजपा और गठबंधन प्रत्याशी के बीच मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई दिग्गज नेता प्रत्याशी के लिए चुनावी जमीन तैयार कर गए हैं तो भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति भी बड़ा चेहरा हैं। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत कई बड़े नेता चुनावी सभा कर चुके हैं। गठबंधन प्रत्याशी की भी लोकप्रियता को देखते हुए यहां अब मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
फतेहपुर संसदीय सीट पर भाजपा से साध्वी निरंजन ज्योति, कांग्रेस से राकेश सचान और सपा-बसपा गठबंधन से सुखदेव प्रसाद वर्मा समेत दस प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनके भाग्य का फैसला छह मई को संसदीय क्षेत्र के 18 लाख 35 हजार 254 मतदाता करेंगे, इनमें 8,47,197 पुरुष, 8,39,996 महिला तथा 61 अन्य शामिल हैं। फतेहपुर, खागा, बिंदकी, हुसैनगंज, अयाह शाह और जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर बने लोकसभा क्षेत्र में 1375 मतदान केंद्र और 2045 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इसमें फतेहपुर सदर में 3,41,744 मतदाता, जहानाबाद में 2,99,751, बिंदकी में 3,01,593, अयाह शाह में 2,67,963, हुसेनगंज में 2,93,815 तथा खागा में 3,30,388 मतदाता हैं।
भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति
शिक्षा : इंटरमीडिएट
सियासी सफर : हमीरपुर जनपद की पातेवरा निवासी साध्वी निरंजन ज्योति चौदह साल की उम्र में स्वामी अच्युतानंद से संन्यास दीक्षा लेकर साध्वी बनीं। वर्ष 1987 में विहिप के संपर्क में आकर श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। वर्ष 1990 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर राजनीति में आईं और हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं लेकिन सफलता नहीं मिली। वर्ष 2003 में प्रदेश कार्यकारणी भाजपा की विशेष आमंत्रित सदस्य बनीं, वर्ष 2007 में फिर हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं। वर्ष 2008 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनी। वर्ष 2012 में हमीरपुर क्षेत्र से विधायक चुनी गईं और वर्ष 2014 में फतेहपुर से चुनाव लड़कर संसद पहुंची। नौ नवंबर वर्ष 2014 में खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री का दायित्व मिला। इसी वर्ष महाकुंभ में उन्हें निरंजनी अखाड़ा की महामंडेश्वर की उपाधि मिली।
कांग्रेस प्रत्याशी राकेश सचान
शिक्षा : परास्नातक
राजनीतिक परिचय : डीएवी कालेज के छात्रसंघ से राजनीति की शुरुआत करने वाले राकेश सचान महामंत्री पद में रहे। समाजवादी पार्टी से राजनीतिक पारी की शुरुआत करते हुए राकेश सचान घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1993 व 2002 में विधायक चुने गए। इसके बाद विधानसभा चुनाव में सफलता नहीं मिली। वर्ष 2009 में समाजवादी पार्टी की टिकट पर वह फतेहपुर सीट से सांसद चुने गए। वर्ष 2014 में सपा की टिकट पर फिर लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए। इस बार उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा और पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।
सपा-बसपा प्रत्याशी सुखदेव प्रसाद वर्मा
शिक्षा : कक्षा नौ उत्तीर्ण
राजनीतिक सफर : बिंदकी तहसील के गंगौली ग्रामपंचायत के सिकठनपुर के रहने वाले सुखदेव वर्मा ने ग्राम पंचायत से राजनीति में कदम रखा। वर्ष 1987 में पंचायत के मुखिया के चुनाव में निर्विरोध चुने गए, फिर सहकारी समिति व दुग्ध संघ के पदों में काबिज रहे। नब्बे के दशक में बसपा की सक्रिय राजनीति से जुड़े और बिंदकी विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2007 व 2012 में विधायक चुने गए। बसपा के जमीनी नेता के रूप में पहचान बनाए सुखदेव वर्मा को दो चुनाव में पराजय का का मुंह देखना पड़ा। इस बार वह गठबंधन में बसपा की टिकट पर संसदीय सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

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